कितने लोगों ने नोबेल जीता
भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी (Abhijit Banerjee), एस्थर डुफलो और माइकल क्रेमर को अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize For Economics) दिया गया. अभिजीत कोलकाता में पैदा हुए और उन्होंने प्रेसिडेंसी कॉलेज से पढ़ाई की. अभिजीत बनर्जी ने जेएनयू से अर्थशास्त्र में मास्टर्स भी किया. फिलहाल वह अमेरिका की एमआइटी कैंब्रिज में हैं. खास बात यह है कि अभिजीत को ये पुरस्कार जिन तीन लोगों के साथ मिला है, उनमें एक उनकी पत्नी एस्थर डुफलो हैं और एक उनके सहकर्मी मिखाइल क्रेमेर भी हैं. अभिजीत बनर्जी को दुनिया में गरीबी हटाने के उपायों के लिए शोध पर नोबेल मिला है
अभिजीत बनर्जी :मुंबई में हुआ जन्म, कोलकाता और जेएनयू में पढ़ाई
भारतीय अमेरिकी अभिजीत बनर्जी का जन्म मुंबई में हुआ था और वह अभी मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में अर्थशास्त्र के फोर्ड फाउंडेशन अंतरराष्ट्रीय प्रोफेसर हैं.
अभिजीत ने कलकत्ता विश्वविद्यालय और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई पूरी की. इसके बाद 1988 में उन्होंने हावर्ड विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि हासिल की. बनर्जी उन भारतीय और भारतीय मूल के लोगों में शामिल हो गए हैं, जिन्हें भौतिकी, रसायन, शांति, अर्थशास्त्र और चिकित्सा जैसे विषयों में योगदान के लिए प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया है.
भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में क्या कहना है ?
डगमगाती स्थिति में है अर्थव्यवस्था
नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) जीतने के बाद अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी (Abhijit Banerjee) ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था डगमगाती स्थिति में है. उन्होंने कहा कि इस समय उपलब्ध आंकड़ें यह भरोसा नहीं जगाते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था जल्द पटरी पर आ सकती है. उन्होंने कहा भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति डगमगाती हुई है. वर्तमान विकास के आंकड़ों को देखने के बाद, (निकट भविष्य में अर्थव्यवस्था के पुनरोद्धार) को लेकर निश्चिंत नहीं हुआ जा सकता है.' बनर्जी ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में बताया, 'पिछले पांच-छह वर्षों में, हमने कम से कम कुछ विकास तो देखा, लेकिन अब वह आश्वासन भी खत्म हो गया है.'
~अनुज शर्मा
भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी (Abhijit Banerjee), एस्थर डुफलो और माइकल क्रेमर को अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize For Economics) दिया गया. अभिजीत कोलकाता में पैदा हुए और उन्होंने प्रेसिडेंसी कॉलेज से पढ़ाई की. अभिजीत बनर्जी ने जेएनयू से अर्थशास्त्र में मास्टर्स भी किया. फिलहाल वह अमेरिका की एमआइटी कैंब्रिज में हैं. खास बात यह है कि अभिजीत को ये पुरस्कार जिन तीन लोगों के साथ मिला है, उनमें एक उनकी पत्नी एस्थर डुफलो हैं और एक उनके सहकर्मी मिखाइल क्रेमेर भी हैं. अभिजीत बनर्जी को दुनिया में गरीबी हटाने के उपायों के लिए शोध पर नोबेल मिला है
अभिजीत बनर्जी :मुंबई में हुआ जन्म, कोलकाता और जेएनयू में पढ़ाई
भारतीय अमेरिकी अभिजीत बनर्जी का जन्म मुंबई में हुआ था और वह अभी मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में अर्थशास्त्र के फोर्ड फाउंडेशन अंतरराष्ट्रीय प्रोफेसर हैं.
अभिजीत ने कलकत्ता विश्वविद्यालय और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई पूरी की. इसके बाद 1988 में उन्होंने हावर्ड विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि हासिल की. बनर्जी उन भारतीय और भारतीय मूल के लोगों में शामिल हो गए हैं, जिन्हें भौतिकी, रसायन, शांति, अर्थशास्त्र और चिकित्सा जैसे विषयों में योगदान के लिए प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया है.
भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में क्या कहना है ?
डगमगाती स्थिति में है अर्थव्यवस्था
नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) जीतने के बाद अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी (Abhijit Banerjee) ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था डगमगाती स्थिति में है. उन्होंने कहा कि इस समय उपलब्ध आंकड़ें यह भरोसा नहीं जगाते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था जल्द पटरी पर आ सकती है. उन्होंने कहा भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति डगमगाती हुई है. वर्तमान विकास के आंकड़ों को देखने के बाद, (निकट भविष्य में अर्थव्यवस्था के पुनरोद्धार) को लेकर निश्चिंत नहीं हुआ जा सकता है.' बनर्जी ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में बताया, 'पिछले पांच-छह वर्षों में, हमने कम से कम कुछ विकास तो देखा, लेकिन अब वह आश्वासन भी खत्म हो गया है.'
~अनुज शर्मा
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