Skip to main content

components of computer ( कंप्यूटर के घटक) unit-2


आउटपुट डिवाइस क्या हैं और उसके प्रकार
आउटपुट डिवाइस क्या हैं? (What is Output Device) 
आउटपुट डिवाइस (Output Device) हार्डवेयर (Hardware) का एक अवयव अथवा कंप्यूटर का मुख्य भौतिक भाग है जिसे छुआ जा सकता है, यह सूचना के किसी भी भाग तथा सूचना के किसी भी प्रकार जैसे ध्वनि (Sound), डाटा (Data), मेमोरी (Memory), आकृतियाँ (Layout) इत्यादि को प्रदर्शित कर सकता हैं आउटपुट डिवाइसो (Output Devices) में सामान्यतः मोनिटर (Monitor) प्रिंटर(Printer)  इयरफोन(Earphone) तथा प्रोजेक्टर(Projector) सम्मिलित है
 “वे उपकरण जिनके द्वारा कंप्यूटर से प्राप्त परिणामों को प्राप्त किया जाता है आउटपुट डिवाइसेज कहलाते हैं


आउटपुट डिवाइस के प्रकार (Types of Output Device)
आउटपुट डिवाइस कई प्रकार के होते है |
·         मॉनीटर (Monitor)
·         प्रिंटर (Printer)
·         प्लोटर (Plotter)
·         प्रोजेक्टर (Projector)
·         साउंड कार्ड (Sound Card)
·         इअर फोन (Ear phone)
मॉनीटर (Monitor)
मॉनीटर(Monitor) एक ऐसा आउटपुट संयंत्र (Output Device) है जो टी.वी. जैसे स्क्रीन पर आउटपुट को प्रदर्शित करता है इसे विजुअल डिस्प्ले यूनिट (Visual Display Unit) भी कहते है मॉनीटर (Monitor) को सामान्यतः उनके द्वारा प्रदर्शित रंगों के आधार पर तीन भागों में वर्गीकृत किया जाता है-


·         मोनोक्रोम (Monochrome)
यह शब्द दो शब्दों मोनो (Mono) अर्थात एकल (Single) तथा क्रोम (Chrome) अर्थात रंग (Color) से मिलकर बना है इसलिये इसे Single Color Display कहते हैतथा यह मॉनीटर आउटपुट को Black & White रूप में प्रदर्शित (Display) करता है|
·         ग्रे-स्केल (Gray-Scale)
यह मॉनीटर मोनोक्रोम जैसे ही होते हैं लेकिन यह किसी भी तरह के Display को ग्रे शेडस (Gray Shades) में प्रदर्शित (Show) करता हैं इस प्रकार के मॉनीटर अधिकतर हैंडी कंप्यूटर जैसे लैप टॉप (Laptop) में प्रयोग किये जाते हैं
·         रंगीन मॉनीटर (Color Monitors)
ऐसा मॉनीटर RGB (Red-Green-Blue) विकिरणों के समायोजन के रूप में आउटपुट को प्रदर्शित करता है सिद्धांत के कारण ऐसे मॉनीटर उच्च रेजोलुशन (Resolution) में ग्राफिक्स (Graphics) को प्रदर्शित करने में सक्षम होते हैं कंप्यूटर मेमोरी की क्षमतानुसार ऐसे मॉनीटर 16 से लेकर 16 लाख तक के रंगों में आउटपुट प्रदर्शित करने की क्षमता रखते हैं|
प्रिंटर (Printer)
प्रिंटर एक ऑनलाइन आउटपुट डिवाइस (Online Output Device) है जो कंप्यूटर से प्राप्त जानकारी को कागज पर छापता है कागज पर आउटपुट (Output) की यह प्रतिलिपि हार्ड कॉपी (Hard Copy) कहलाती है कंप्यूटर से जानकारी का आउटपुट (Output) बहुत तेजी से मिलता है और प्रिंटर (Printer) इतनी तेजी से कार्य नहीं कर पाता इसलिये यह आवश्यकता महसूस की गयी कि जानकारियों को प्रिंटर (Printer) में ही स्टोर (Store) किया जा सके इसलिये प्रिंटर (Printer) में भी एक मेमोरी (Memory) होती है जहाँ से यह परिणामों को धीरे-धीरे प्रिंट करता हैं
प्रिंटर (Printer) एक ऐसा आउटपुट डिवाइस (Output Device) है जो सॉफ्ट कॉपी (Soft Copy) को हार्ड कॉपी (Hard Copy) में परिवर्तित (Convert) करता हैं
Plotter
Plotter एक आउटपुट डिवाइस हैं इससे चित्र (Drawing), चार्ट (Chart), ग्राफ (Graph) आदि को प्रिंट किया जा सकता हैं यह 3 D Printing भी कर सकते हैं इसके द्वारा बैनर पोस्टर आदि को प्रिंट किया जा सकता हैं
“Plotter एक ऐसा आउटपुट डिवाइस हैं जो चार्ट (chart), ग्राफ (Graph), चित्र (Drawing), रेखाचित्र (Map) आदि को हार्ड कॉपी पर प्रिंट करता हैं
यह दो प्रकार के होते हैं
·         Drum pen Plotter
·         Flat bed Plotter

Sound Card & Speaker
साउंड कार्ड एक विस्तारक (Expansion) बोर्ड होता है जिसका प्रयोग साउंड को सम्पादित (Transacted) करने तथा Output देने के लिए किया जाता है कंप्यूटर में गाने सुनने फिल्म देखने या गेम खेलने के लिए इसका प्रयोग किया जाना आवश्यक होता है आजकल यह Sound Card मदर बोर्ड में पूर्व निर्मित (in built) होता हैं साउंड कार्ड तथा स्पीकर एक दूसरे के पूरक होते हैं साउंड कार्ड की सहायता से ही स्पीकर ध्वनि उत्पन्न करता हैं प्राय: सभी साउंड कार्ड MIDI (Musical Instrument Digital Interface) Support करते हैं मीडी संगीत को इलेक्ट्रोनिक रूप में व्यक्त करने का एक मानक हैं साउंड कार्ड दो तरीको से डिजिटल डाटा को एनालॉग सिग्नल में बदलता हैं|

Projector
प्रोजेक्टर भी एक आउटपुट डिवाइस हैं प्रोजेक्टर का प्रयोग चित्र या वीडियो को एक प्रोजेक्शन स्क्रीन पर प्रदर्शित करके श्रोताओ को दिखाने के लिए किया जाता हैं|
प्रोजेक्टर निम्नलिखित प्रकार के होते हैं –
1.      वीडियो प्रोजेक्टर     2. मूवी प्रोजेक्टर     3. स्लाइड प्रोजेक्टर
सरल शब्दों में सारांश
1.      वे उपकरण जिनके द्वारा कम्‍प्‍यूटर से प्राप्‍त परिणामों को प्राप्‍त किया जाता हैं आउटपुट डिवाइसेज कहलाती हैं।
2.      प्रिंटर एक ऐसा आउटपुट डिवाइस हैं जो सॉफ्ट कॉपी को हार्ड कॉपी में परिवर्तित करता हैं।
3.      प्लॉटर एक ऐसा आउटपुट डिवाइस हैं जो चार्ट, ग्राफ, चित्र, रेखाचित्र आदि को हार्ड कॉपी पर प्रिंट करने का कार्य करता हैं।
4.      प्रोजेक्‍टर एक ऐसा आउटपुट डिवाइस होता हैं जिसका प्रयोग चित्र या वीडियो को एक प्रोजेक्‍शन स्‍क्रीन प्रदर्शित करके श्रोताओं को दिखाने के लिए किया जाता हैं।
5.      मॉनीटर एक ऐसा आउटपुट डिवाइस हैं जो टी.वी. जैसे स्‍क्रीन पर आउटपुट को प्रदर्शित करता हैं इसलिए इसे विजुअल डिस्‍प्‍ले यूनिट भी कहा जाता हैं।
कंप्यूटर के इनपुट डिवाइस

Input Devices of Computer (कंप्यूटर के इनपुट डिवाइस)
Input Device वे Device होते है जिनके द्वारा हम अपने डाटा या निर्देशों को Computer में Input करा सकते हैं| इनपुट डिवाइस कंप्यूटर तथा मानव के मध्य संपर्क की सुविधा प्रदान करते हैं| Computer में कई Input Device होते है ये Devices Computer के मस्तिष्क को निर्देशित करती है की वह क्या करे? Input Device कई रूप में उपलब्ध है तथा सभी के विशिष्ट उद्देश्य है टाइपिंग के लिये हमारे पास Keyboard होते है, जो हमारे निर्देशों को Type करते हैं|
Input Device वे Device है जो हमारे निर्देशों या आदेशों को Computer  के मष्तिष्कसी.पी.यू. (C.P.U.) तक पहुचाते हैं|”
Input Device कई प्रकार के होते है जो निम्न प्रकार है –
·         Keyboard
·         Mouse
·         Joystick
·         Trackball
·         Light pen
·         Touch screen
·         Digital Camera
·         Scanner
·         Digitizer Tablet
·         Bar Code Reader
·         OMR
·         OCR
·         IMCR
·         ATM
की-बोर्ड (Keyboard)
की-बोर्ड कंप्यूटर का एक पेरिफेरल है जो आंशिक रूप से टाइपराइटर के की-बोर्ड की भांति होता हैं| की-बोर्ड को टेक्स्ट तथा कैरेक्टर इनपुट करने के लिये डिजाइन किया गया हैं| भौतिक रूप से, कंप्यूटर का की-बोर्ड आयताकार होता हैं| इसमें लगभग 108 Keys होती हैं| की-बोर्ड में कई प्रकार की कुंजियाँ (Keys) होती है जैसे- अक्षर (Alphabet), नंबर (Number), चिन्ह (Symbol), फंक्शन की (Function Key), एर्रो की (Arrow Key) व कुछ विशेष प्रकार की Keys भी होती हैं|


 हम की-बोर्ड की संरचना के आधार पर इसकी कुंजियो को छ: भागो में बाँट सकते है-
1.      एल्फानुमेरिक कुंजियाँ (Alphanumeric Keys)
2.      न्यूमेरिक की-पैड (Numeric Keypad)
3.      फंक्शन की (Function Keys)
4.      विशिष्ट उददेशीय कुंजियाँ (Special Purpose Keys)
5.      मॉडिफायर कुंजियाँ (Modifier Keys)
6.      कर्सर कुंजियाँ (Curser Keys)
·         एल्फानुमेरिक कुंजियाँ (Alphanumeric Keys)
Alphanumeric Keys की-बोर्ड के केन्द्र में स्थित होती हैं| Alphanumeric Keys में Alphabets (A-Z), Number (0-9), Symbol (@, #, $, %, ^, *, &, +, !, = ), होते हैं| इस खंड में अंको, चिन्हों, तथा वर्णमाला के अतिरिक्त चार कुंजियाँ Tab, Caps, Backspace तथा Enter कुछ विशिष्ट कार्यों के लिये होती हैं|
·         न्यूमेरिक की-पैड (Numeric Keypad)
न्यूमेरिक की-पैड (Numeric Keypad) में लगभग 17 कुंजियाँ होती हैं| जिनमे 0-9 तक के अंक, गणितीय ऑपरेटर (Mathematics operators) जैसे- +, -. *, / तथा Enter key होती हैं |
·         फंक्शन की (Function Keys)
की-बोर्ड के सबसे ऊपर संभवतः ये 12 फंक्शन कुंजियाँ होती हैं| जो F1, F2……..F12 तक होती हैं| ये कुंजियाँ निर्देशों को शॉट-कट के रूप में प्रयोग करने में सहायक होती हैं| इन Keys के कार्य सॉफ्टवेयर के अनुरूप बदलते रहते हैं|
·         विशिष्ट उददेशीय कुंजियाँ (Special Purpose Keys)
ये कुंजियाँ कुछ विशेष कार्यों को करने के लिये प्रयोग की जाती है| जैसे- Sleep, Power, Volume, Start, Shortcut, Esc, Tab, Insert, Home, End, Delete, इत्यादि| ये कुंजियाँ नये ऑपरेटिंग सिस्टम के कुछ विशेष कार्यों के अनुरूप होती हैं|
·         मॉडिफायर कुंजियाँ (Modifier Keys)
इसमें तीन कुंजियाँ होती हैं, जिनके नाम SHIFT, ALT, CTRL हैं| इनको अकेला दबाने पर कोई खास प्रयोग नहीं होता हैं, परन्तु जब अन्य किसी कुंजी के साथ इनका प्रयोग होता हैं तो ये उन कुंजियो के इनपुट को बदल देती हैं| इसलिए ये मॉडिफायर कुंजी कहलाती हैं|
·         कर्सर कुंजियाँ (Cursor Keys)
ये चार प्रकार की Keys होती हैं UP, DOWN, LEFT तथा RIGHT | इनका प्रयोग कर्सर को स्क्रीन पर मूव कराने के लिए किया जाता है|

की-बोर्ड के प्रकार

साधारण कीबोर्ड (Normal Keyboard)
तार रहित की-बोर्ड (Wireless Keyboard)
अरगानोमिक की-बोर्ड (Ergonomic Keyboard)
·         साधारण कीबोर्ड
साधारण कीबोर्ड वे कीबोर्ड होते हैं, जो सामान्य रूप से प्रयोग (Use) किये जाते हैं, जिसे User अपने PC में प्रयोग करता हैं | इसका आकार आयताकार होता है, इसमें लगभग 108 Keys होती हैं एवं इसे Computer से Connect करने के लिए एक Cable होती हैं जिसे CPU से जोडा  जाता हैं|
·         तार रहित की-बोर्ड
तार रहित की-बोर्ड (Wireless Keyboard) प्रयोक्ता (User) को की- बोर्ड में तार के प्रयोग से छुटकारा दिलाता है | कुछ कंपनियों ने तार रहित की-बोर्ड का बाजार में प्रवेश कराया है| यह की-बोर्ड सीमित दूरी तक कार्य करता है| यह तार रहित की-बोर्ड थोडा महँगा होता है तथा इसमें थोड़ी तकनीकी जटिलता होती है| इसमें तकनीकी जटिलता होने के कारण इसका प्रचलन बहुत अधिक नहीं हो पाया है|
·         अरगानोमिक की-बोर्ड
बहुत सारी कंपनियों ने एक खास प्रकार के की-बोर्ड का निर्माण किया है, जो प्रयोक्ता (User) को टाइपिंग करने में दूसरे की-बोर्ड की अपेक्षा आराम देता है| ऐसे की-बोर्ड अरगानोमिक की-बोर्ड (Ergonomic Keyboard)  कहलाते है ऐसे की-बोर्ड विशेष तौर पर प्रयोक्ता (User) की कार्य क्षमता बढाने के साथ साथ लगातार टाइपिंग करने के कारण उत्पन्न होने वाले कलाई (Wrist) के दर्द को कम करने में सहायता देता है |
माउस (Mouse)
वर्तमान समय में माउस सर्वाधिक प्रचलित Pointer Device है, जिसका प्रयोग चित्र या ग्राफिक्स (Graphics) बनाने के साथ साथ किसी बटन (Button) या मेन्यू (Menu) पर क्लिक करने के लिये किया जाता है | इसकी सहायता से हम की-बोर्ड का प्रयोग किये बिना अपने पी.सी. को नियंत्रित कर सकता है |
माउस में दो या तीन बटन होते है जिनकी सहायता से कंप्यूटर को निर्देश दिये जाते है| माउस को हिलाने पर स्क्रीन पर Pointer Move करता है| माउस के नीचे की ओर रबर की गेंद (Boll)  होती है| समतल सतह पर माउस को हिलाने पर यह गेंद घुमती है|
माउस के कार्य
·         क्लिकिंग (Clicking)
·         डबल क्लिकिंग (Double Clicking)
·         दायाँ क्लिकिंग (Right Clicking)
·         ड्रैगिंग (Dragging)
·         स्क्रोलिंग (Scrolling)
माउस के प्रकार
माउस प्रायः तीन प्रकार के होते है |
1.      मैकेनिकल माउस (Mechanical Mouse)
2.      प्रकाशीय माउस (Optical Mouse)
3.      तार रहित माउस (Cordless Mouse)
·         मैकेनिकल माउस (Mechanical Mouse)
मैकेनिकल माउस (Mechanical Mouse) वे माउस होते है| जिनके निचले भाग में एक रबर की गेंद लगी होती है जब माउस को सतह पर घुमाते है तो वह उस खोल के अंदर घुमती है माउस के अंदर गेंद के घूमने से उसके अंदर के सेन्सर्स (Censors) कंप्यूटर को संकेत (Signal) देते है|
·         प्रकाशीय माउस (Optical Mouse)
प्रकाशीय माउस (Optical Mouse) एक नये प्रकार का नॉन मैकेनिकल (non-mechanical) माउस है | इसमें प्रकाश की एक पुंज (किरण) इसके नीचे की सतह से उत्सर्जित होती है जिसके परिवर्तन के आधार पर यह ऑब्जेक्ट (Object) की दूरी, तथा गति तय करता है |
·          तार रहित माउस (Cordless Mouse)
तार रहित माउस (Cordless Mouse) वे माउस है जो आपको तार के झंझट से मुक्ति देता है| यह रेडियो फ्रीक्वेंसी (Radio frequency) तकनीक की सहायता से आपके कंप्यूटर को सूचना कम्युनिकेट (Communicate) करता हैं| इसमें दो मुख्य कम्पोनेंट्स ट्रांसमीटर तथा रिसीवर होते है ट्रांसमीटर माउस में होता है जो इलेक्ट्रोमैग्नेटिक (Electromagnetic) सिग्नल (Signal) के रूप में माउस की गति तथा इसके क्लिक किये जाने की सूचना भेजता है रिसीवर जो आपके कंप्यूटर से जुड़ा होता है उस सिग्नल को प्राप्त करता है |
जॉयस्टिक (Joystick)
यह डिवाइस (Device) वीडियो गेम्स खेलने के काम आने वाला इनपुट डिवाइस (Input Device)  है इसका प्रयोग बच्चो द्वारा प्रायः कंप्यूटर पर खेल खेलने के लिये किया जाता है| क्योकि यह बच्चो को कंप्यूटर सिखाने का आसान तरीका है| वैसे तो कंप्यूटर के सारे खेल की-बोर्ड द्वारा खेले जा सकते है परन्तु कुछ खेल तेज गति से खेले जाते है उन खेलो में बच्चे अपने आप को सुबिधाजनक महसूस नहीं करते है इसलिए जॉयस्टिक का प्रयोग किया जाता है |

ट्रैकबाल (Trackball)
ट्रैक बोंल एक Pointing input Device है| जो माउस (Mouse) की तरह ही कार्य करती है | इसमें एक उभरी हुई गेंद होती है तथा कुछ बटन होते है| सामान्यतः पकड़ते समय गेंद पर आपका अंगूठा होता है तथा आपकी उंगलियों उसके बटन पर होती है| स्क्रीन पर पॉइंटर (Pointer) को घुमाने के लिये अंगूठा से उस गेंद को घुमाते है ट्रैकबोंल (Trackball) को माउस की तरह घुमाने की आवश्यकता नहीं होती इसलिये यह अपेक्षाकृत कम जगह घेरता है | इसका प्रयोग Laptop, Mobile तथा Remold में किया जाता हैं |
 लाइट पेन (Light Pen)
लाइट पेन (Light Pen) का प्रयोग कंप्यूटर स्क्रीन पर कोई चित्र या ग्राफिक्स बनाने में किया जाता है लाइट पेन में एक प्रकाश संवेदनशील कलम की तरह एक युक्ति होती है| अतः लाइट पेन का प्रयोग ऑब्जेक्ट के चयन के लिये होता है| लाइट पेन की सहायता से बनाया गया कोई भी ग्राफिक्स कंप्यूटर पर संग्रहित किया जा सकता है तथा आवश्यकतानुसार इसमें सुधार किया जा सकता है |
 टच स्क्रीन (Touch Screen)
टच स्क्रीन (Touch Screen) एक Input Device है| इसमें एक प्रकार की Display होती है| जिसकी सहायता से User किसी Pointing Device की वजह अपनी अंगुलियों को स्थित कर स्क्रीन पर मेन्यू या किसी ऑब्जेक्ट का चयन करता है| किसी User को कंप्यूटर की बहुत अधिक जानकारी न हो तो भी इसे सरलता से प्रयोग किया जा सकता है टच स्क्रीन (Touch Screen) का प्रयोग आजकल रेलवेस्टेशन, एअरपोर्ट, अस्पताल, शोपिंग मॉल, ए.टी.ऍम. इत्यादि में होने लगा है |
बार-कोड रीडर (Bar code reader
बार-कोड रीडर (Bar code reader) का प्रयोग Product के ऊपर छपे हुए बार कोड को पढ़ने के लिये किया जाता है किसी Product के ऊपर जो Bar Code बार-कोड रीडर (Bar code reader) के द्वारा उत्पाद की कीमत तथा उससे सम्बंधित दूसरी सूचनाओ को प्राप्त किया जा सकता हैं|
 स्कैनर (Scanner)
स्केनर (Scanner) एक Input Device है ये कंप्यूटर में किसी Page पर बनी आकृति या लिखित सूचना को सीधे Computer में Input करता है इसका मुख्य लाभ यह है कि User को सूचना टाइप नहीं करनी पड़ती हैं|
ओ.एम.आर. (OMR)
ओ.एम.आर. (OMR) या ऑप्टिकल मार्क रीडर (Optical Mark Reader) एक ऐसा डिवाइस है जो किसी कागज पर पेन्सिल या पेन के चिन्ह की उपस्थिति और अनुपस्थिति को जांचता है इसमें चिन्हित कागज पर प्रकाश डाला जाता है और परावर्तित प्रकाश को जांचा जाता है| जहाँ चिन्ह उपस्थित होगा कागज के उस भाग से परावर्तित प्रकाश की तीव्रता कम होगी | ओ.एम.आर. (OMR) किसी परीक्षा की उत्तरपुस्तिका को जाँचने के लिये प्रयोग की जाती है| इन परीक्षाओं के प्रश्नपत्र में वैकल्पिक प्रश्न होते हैं |
 ओ.सी.आर. (OCR)
ऑप्टिकल कैरेक्टर रेकोग्निशन (Optical Character Recognition) अथवा ओ.सी.आर.(OCR) एक ऐसी तकनीक है | जिसका प्रयोग किसी विशेष प्रकार के चिन्ह, अक्षर, या नंबर को पढ़ने के लिये किया जाता है इन कैरेक्टर को प्रकाश स्त्रोत के द्वारा पढ़ा जा सकता हैं| ओ.सी.आर (OCR) उपकरण टाइपराइटर से छपे हुए कैरेक्टर्स, कैश रजिस्टर के कैरक्टर और क्रेडिट कार्ड के कैरेक्टर को पढ़ लेता हैं| ओ.सी.आर (OCR) के फॉण्ट कंप्यूटर में संग्रहित रहते है | जिन्हें ओ.सी.आर. (OCR) स्टैंडर्ड कहते हैं|
ए.टी.एम.(ATM)
स्वचालित मुद्रा यंत्र या ए.टी.एम. (Automatic Teller Machine) ऐसा यंत्र है जो हमे प्रायः बैंक में, शॉपिंग मौल में, रेलवे स्टेशन पर, हवाई अड्डों पर, बस स्टैंड पर, तथा अन्य महत्वपूर्ण बाजारों तथा सार्वजनिक स्थानों पर मिल जाता हैं| ए.टी.एम. की सहायता से आप पैसे जमा भी कर सकते है, निकाल भी सकते है, और बैलेंस भी चेक कर सकते है| ए.टी.एम. की सुबिधा 24 घंटे उपलब्ध रहती है|
एम.आई.सी.आर.(MICR)
मैग्नेटिक इंक कैरेक्टर रिकोग्निशन (Magnetic Ink Character Recognition) व्यापक रूप से बैंकिंग में प्रयोग होता है, जहाँ लोगो को चेकों की बड़ी संख्या के साथ काम करना होता हैं| इसे संक्षेप में एम.आई.सी.आर.(MICR) कहाँ जाता हैं| एम.आई.सी.आर (MICR) का प्रयोग चुम्बकीय स्याही (Megnatic Ink) से छपे कैरेक्टर को पढ़ने के लिये किया जाता हैं| यह मशीन तेज व स्वचलित होतीहैं साथ ही इसमें गलतियां होने के अवसर बिल्कुल न के बराबर होते हैं|

सरल शब्दों में सारांश
1.      इनपुट डिवाइस वे डिवाइस होती हैं जिनके द्वारा हम अपने डाटा या निर्देशों को कम्‍प्‍यूटर में इनपुट करा सकते हैं।
2.      इनपुट डिवाइस कम्‍प्‍यूटर तथा मानव के मध्‍य संपर्क की सुविधा प्रदान करते हैं।
3.      इनपुट डिवाइस वे डिवाइस होती हैं जो हमारे निर्देशों या आदेशों को कम्‍प्‍यूटर के मष्तिष्‍क , सी.पी.यू. तक पहुचाते हैं।
4.      मैग्नेटिक इंक कैरेक्टर रिकोग्निशन का प्रयोग व्‍यापक रूप से बैकिंग फील्‍ड में होता हैं।
5.      ऑप्टिकल मार्क रीडर एक ऐसा डिवाइस है जो किसी कागज पर पेन्सिल या पेन के चिन्ह की उपस्थिति और अनुपस्थिति को जांचता है।
6.      ऑप्टिकल कैरेक्टर रेकोग्निशन एक ऐसी तकनीक हैं जिसका प्रयोग किसी विशेष प्रकार के चिन्‍ह, अक्षर एवं नंबर को पढ़ने के लिये किया जाता हैं।



स्टोरेज डिवाइस क्या हैं? परिभाषा, उदाहरण

स्टोरेज डिवाइस क्या हैं? (storage devices definition in hindi)

परिभाषा – यह एक तरह का हार्डवेयर होता है जो की डाटा को स्टोर, पोर्ट और लेने के काम मे आता है। यह जानकारी को अस्थायी रूप से और स्थायी रूप से रखने का काम करता है।
यह किसी भी तरह का हार्डवेयर हो सकता है चाहे यह कम्प्युटर के अंदर लगता हो या फिर बाहर।

स्टोरेज उपकरण के प्रकार (types of storage devices in hindi)

यह भी एक तरह से कम्प्युटर के अंग होते हैं। यह वर्चुअली सारे डाटा को संग्रहीत रखता है। एक कम्प्युटर में बहुत तरह के स्टोरेज उपकरण होते हैं जैसे की रैम, कैचे, हार्ड डिस्क आदि।
दो तरह के स्टोरेज उपकरण होते हैं:

प्राथमिक स्टोरेज उपकरण (primary storage devices)–

 यह ज़्यादातर छोटे रूप में होते हैं। इनकी काम करने की क्षमता काफी तेज़ होती है। इनमे डाटा को चलाने की गति भी तेज़ होती है जैसे की रैम और कैचे मेमोरी।

माध्यमिक स्टोरेज उपकरण (secondary storage device)–

 इनकी डाटा रखने की क्षमता ज्यादा होती है क्योंकि इनमे ज्यादा स्टोरेज होती है और यह स्थायी रूप से डाटा को रखते हैं। यह आंतरिक और बाहरी तौर पर डाटा को रखते हैं। उदाहरण हैं – हार्ड डिस्क, ऑप्टिकल डिस्क ड्राइव और यूएसबी स्टोरेज उपकरण।

स्टोरेज डिवाइस के उदाहरण (list of storage devices in hindi)

1. हार्ड डिस्क (hard disk in hindi)

हार्ड डिस्क
हार्ड डिस्क (hard disk) एक ऐसा डाटा स्टोरेज हार्डवेयर डिवाइस है जो की कम्प्युटर मे डाटा को स्टोर करने के काम मैं आता है। सॉफ्टवेयरऑपरेटिंग सिस्टम (operating system), और फ़ाइलें आदि को रखने के लिए हमे हार्ड-डिस्क की जरूरत पड़ती है।
यह एक तरह का अपरिवर्तनशील स्टोरेज डिस्क ड्राइव है। जैसा की हमे पता है कम्प्युटर में हार्ड-डिस्क ड्राइव का संभाग यानि डिविजन होता है और लोकल डिस्क सी मे कम्प्युटर की पूरी ऑपरेटिंग सिस्टम, सॉफ्टवेयर, ड्राईवरस आदि की स्टोरेज होती हैl लोकल डिस्क सी को हम कम्प्युटर का प्राथमिक विभाजन यानि पारटिशन भी बोलते हें।
हालांकि काफी कम्प्युटरों मैं और भी पारटिशन होते हैं जैसे की लोकल डिस्क सी, लोकल डिस्क डी, आदि इस तरह से हम जीतने चाहे उतने डिविजन कर सकते हैं हर ड्राइव के पर शर्त है की उसकी क्षमता भी ज्यादा होनी चाहिए यानि वो ज्यादा जीबी की होनी चाहिए जिससे की हम उसके ज्यादा पारटिशन अपने हिसाब से कर सकें।
कुछ काफी नामी कंपनीयाँ हें जो की हार्ड-डिस्क ड्राइव बनाने का काम करती हैं। उनमे से कुछ है सीगेट, डबल्यूडी (वेस्टर्न डिजिटल), हिटाची, लेनावो, तोशिबा आदि। हम हार्ड-डिस्क को कहीं से भी खरीद सकते हैं लोकल बाज़ार, ऑनलाइन शॉपिंग साइटस, आदि।

2. एसएसडी (solid state drive in hindi)

यह अपरिवर्तनशील स्टोरेज उपकरण होते हैं जो की ज्यादा मात्रा में डाटा रखने के काम में आते हैं।
यह नैन्ड फ्लैश मेमोरी का इस्तेमाल करते हैं जिससे की हम जल्दी से और आसनी से इस डाटा को चला सकें। यह आम हार्ड डिस्क से तेज़ी से काम करते हैं। इनकी क्षमता गीगाबाइट तक की होती है।

3. रैम (ram in hindi)

रैम एक तरह की प्राथमिक मेमोरी है। रैम की मदद से कम्प्युटर एक ही समय पर बहुत सारे काम कर सकता है। हम रैम के डाटा को कितनी भी बार देख, लिख और हटा सकते हैं।
रैम एक परिवर्तनशील मेमोरी है। यही वजह है की हम रैम को स्थायी स्टोरेज के रूप मे उपयोग नहीं कर सकते। यह उस डाटा को स्टोर करने के लिए उपयोग लीआ जाता है जिसे अभी सीपीयू द्वारा चलाया जाना है। इसमे हम जिस भी तरह की फ़ाइल डालते है उसको हम दुबारा हटा भी सकते है और उसकी जगह दूसरी दूसरी फ़ाइल दल बी सकते है।
पर रैम काफी महंगी मेमोरी है इसको खरीदने मे हमारी काफी जेब ढीली हो सकती है। रैम की कीमत उसकी मेमोरी पर निर्भर करती है जितनी ज्यादा एमबी या जीबी की रैम लेंगे उतनी ही महंगी रैम हमे मिलेगी। आजकल तो कम्प्युटर छोड़े फोनो में ही 4-8 जीबी की रैम आ रही है आजकल की तकनीकी काफी आगे जा चुकी है। रैम की प्रोसेसिंग काफी तेज़ है।

4. रोम (rom in hindi)

जैसा की हमे नाम से पता चल रहा है की इस मेमोरी को हम केवल पढ़ सकते है। इसकी प्रकृति अपरिवर्तनशील है जो की प्रोग्राम को स्थायी रूप से रखता है। इसका डाटा अपने आप नहीं बदलता बदलने से ही इसका डाटा बदलता है। रोम केवल सीपीयू द्वारा पढ़ा जा सकता है सीपीयू इसमे कोई बदलाव नहीं कर सकता।
सीपीयू इसे डाइरैक्ट पढ़ नहीं सकता इसके लिए हमे पहले डाटा को रैम मे भेजना पड़ेगा उसके बाद ही रोम की मदद से सीपीयू डाटा को पढ़ पाएगा। रोम की डाटा स्टोर करने की क्षमता रैम से कम होती है। रोम केवल कम्प्युटर के वह निर्देशों को रखता है जो की हमे बूटस्ट्रपिंग मे हमे कम आते है।
हालांकि इसमे भी बदलाव करने की कोशिश की गयी थी जिससे ये डाटा को हटाने या फिर नए सिरे से लिख सके ताकि यह रैम की तरह उपयोग किया जा सके पर इसकी इतनी क्षमता नहीं थी की यह रैम का मुक़ाबला कर सके।

5. फ्लैश मेमोरी (flash memory in hindi)

यह एक तरह से अपरिवर्तनशील मेमोरी का भंडार है जिसमे हम समान्यतः डाटा को स्टोर करने के काम में लेते हैं। यह इस तरह से डाटा को रखने के लिए काफी इस्तेमाल होता है।
फ्लैश मेमोरी को हम काफी तरह से समझ सकते हैं जैसे की फ्लैश मेमोरी कार्ड, कैमरा मेमोरी कार्ड, कम्प्युटर की हार्डड्राइव आदि यह सभी फ्लैश मेमोरी के उपकरण हैं और यह इन उपकरणो में काफी तेजी से काम करते हैं।

6. सीडी ड्राइव (cd drive in hindi)

सीडी को हम कॉम्पैक्ट डिस्क भी बोलते हैं। सीडी आयतकार डिस्क होती है जो की ऑप्टिकल किरणों, लेजर आदि की मदद से डाटा कों डालने के लिए इस्तेमाल करती हैं।
यह बहुत सस्ती होती है और इसमे आपको 700 एमबी की मेमोरी स्टोरेज मिलती है। सीडी को हम सीपीयू में लगे हुए सीडी ड्राइव में डालते हैं। यह पोरटेबल होती है इसकी मदद से हम सीडी को निकाल कर रख सकते हैं।

7. डीवीडी ड्राइव (dvd drive in hindi)

डीवीडी कों हम डिजिटल विडियो डिस्प्ले भी बोलते हैं। डीवीडी सीडी से काफी  गुना डाटा कों स्टोर कर सकता है। यह ज़्यादातर ज्यादा बड़ा डाटा कों स्टोर करने के काम में आता है। डीवीडी भी तीन तरह की आती है रीड ओन्ली मेमोरी, रेकोरडेबल, रीराइटेबल।

8. ब्लू रेय डिस्क (blue ray disk in hindi)

यह एक ऑप्टिकल स्टोरेज मीडिया है जो की अच्छी गुणवत्ता वाली विडियो और फ़ाइल आदि रखने के काम में आता है। यह छोटे दर्जे की ऑप्टिकल किरणें इस्तेमाल करता है। यह 128 जीबी तक के डाटा कों रख सकता है।


सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट क्या है - 

What Is Central Processing unit in hindi





सीपीयू यानि सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (Central Processing Unit) इनपुट डाटा को प्रोसेस करता है इसके लिये सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट और अर्थमेटिक लॉजिक यूनिट दोनों मिलकर अंकगणितीय गणना (Arithmetic Calculation) और तार्किक गणना करते हैैं और डाटा को प्रोसेस करते हैं CPU को कंप्यूटर का मस्तिष्क कहा जाता है आईये जानते हैं सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (Central Processing Unit) क्‍या है -

सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट क्या है - What Is Central Processing Unit in Hindi
कंप्‍यूटर की संरचना (Computer Architecture) में सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (Central Processing Unit)  केेन्‍द्र में रहता है इनपुट यूनिट (Input unit) द्वारा डाटा और निर्देशों को कंप्‍यूटर में एंटर किया जाता है और इसके बाद सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (Central Processing Unit) डाटा को प्रोसेस करता है और आपको आउटपुट देता है, डाटा को प्रोसेेस करनेे में यह अपने दो भागोंं की मदद लेता है अर्थमेटीक लॉजिक यूनिट (Arithmetic Logic Unit ) और कंट्रोल यूनिट (Control Unit) -

प्रोसेसिंग से पहले प्राइमरी मेमोरी (Primary memory में जो डाटा होता है और जो निर्देश होते हैं वह अर्थमेटिक लॉजिक यूनिट में ट्रांसफर हो जाते हैं और वहां पर उनकी प्रोसेसिंग का कार्य होता है Arithmetic logic unit (ALU) से जो परिणाम मिलते हैं उनको प्राइमरी मेमोरी में ट्रांसफर कर दिया जाता है और प्रोसेसिंग समाप्त होने के बाद में प्राइमरी मेमोरी (Primary memory) में जो डाटा बचता है या अंतिम परिणाम बचते हैं वह एक आउटपुट डिवाइस (Output device) के माध्यम से आप तक पहुंचा दिए जाते हैं

इनपुट डिवाइस से डाटा कब लेना है स्टोर यूनिट में डाटा कब डालना है वैल्यू से डाटा को कब लेना है और जब वह डाटा प्रोसेस हो जाए उसको आउटपुट डिवाइस तक कब भेजना है यह सारे काम करता है कंट्रोल यूनिट

अर्थमेटीक लॉजिक यूनिट (Arithmetic Logic Unit )

अर्थमेटीक लॉजिक यूनिट (Arithmetic Logic Unit ) अंकगणितीय गणना (Arithmetic Calculation) और तार्किक गणना (Logical calculation) का काम करता है, जैसे जोड़, घटाव, गुणा, भाग और <, >, =, हाँ या ना

कंट्रोल यूनिट (Control Unit)

कंट्रोल यूनिट (Control Unit) कंप्‍यूटर में हो रहे सारे कार्यो नियंत्रित करता है और इनपुट, आउटपुट डिवाइसेज, और अर्थमेटीक लॉजिक यूनिट (Arithmetic Logic Unit ) के सारे गतिविधियों के बीच तालमेल बैठाता है।



प्रोसेसर में कोर क्‍या है - What Is Core In Processor

कोर (Core) सीपीयू यानि प्रोसेसर के अंदर लगी एक गणना (computation) करने वाली यूनिट या चिप होती है, एक कोर वाले को Single Core Processor कहते हैं प्रोसेसर की शक्ति गीगाहर्टज (GHz) पर निर्भर करती है, यानि जो प्रोससेर जितने ज्‍यादा गीगाहर्टज (GHz) का होगा उतनी ही तेजी से गणना करेगा। अब फिर सेे बात करते हैंं कोर की डुअल-कोर, क्वाड-कोर, ऑक्टा-कोर क्‍या हैं ?

Single Core Processor ज्‍यादा बोझ पडते ही हैंग होने लगता था, इसलिये इसकी क्षमता बढाने के लिये प्रोसेसर में अतिरिक्‍त कोर (Core) लगाये जाते हैं, इनकी संख्‍या के आधार पर ही प्रोसेसर के नाम पडें आईये जानते हैं - 
दो कोर मतलब -  Dual Core Processor 
चार कोर मतलब - Quad Core Processor 
छह कोर मतलब - Hexa Core Processor 
आठ कोर मतलब - Octo Core Processor 
दस कोर मतलब - Deca Core Processor




जैसा कि आप जानते हैं प्रोसेसर (Processor) को कंप्यूटर का दिमाग कहा जाता है जैसे हमारा दिमाग सोचने समझने का काम करता है उसी प्रकार से प्रोसेसर भी सोचने और समझने का काम करता है लेकिन उसके लिए उसे जरूरत होती है (ए. एल.यु.) की यानी अर्थमेटिक लॉजिक यूनिट (Arithmetic Logic Unit) की तो आइए जानते हैं क्या है यह अर्थमेटिक लॉजिक यूनिट (ALU) और यह किस प्रकार काम करती है - What is Arithmetic logic unit in Hindi

अर्थमेटिक लॉजिक यूनिट (ए. एल.यु.) क्‍या है -

What is Arithmetic logic unit (ALU) in Hindi

अर्थमेटिक लॉजिक यूनिट (Arithmetic logic unit) सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट के मुख्य तीन घटकों में से एक है जिसमें मेमोरी यूनिट (Memory unit) और कंट्रोल यूनिट (Control unit) भी शामिल है ALU कंप्यूटर हार्डवेयर में एक डिजिटल सर्किट होता है, अर्थमेटिक लॉजिक यूनिट का मुख्य कार्य होता है अंकगणितीय तर्क इकाई अर्थमेटिक लॉजिक यूनिट का मुख्य कार्य होता है अंकगणितीय कार्य करना जैसे जोड़ना घटाना गुणा करना भाग करना और गणित की तरह और भी जितने कार्य होते हैं वह करना इसके अलावा तर्क संबंधित कार्य जितने भी होते हैं जैसे तुलना करना चयन करना मिलान करना डाटा को आपस में मर्ज करना इस प्रकार की कार्य अर्थमेटिक लॉजिक यूनिट (ALU)  करती है एएलयू को मुख्य रूप से बेसिक अर्थमेटिक ऑपरेशन के लिए ही डिजाइन किया गया है -



अर्थमेटिक ऑपरेशन (Arithmetic operation)

+ Add (जोडना)
- Subtract (घटाना)
x Multiply (गुणा करना)
/ Divide ( भाग देना)

लॉजिक ऑपरेशन (logic operation)

< Less then (छाेटा है) 
= equal to (बराबर है) 
> Greater then (बडा है)
यह सभी प्रकार की गणना और तुलना अर्थमेटिक लॉजिक यूनिट (ए. एल.यु.) में होती हैं प्रोसेसिंग से पहले प्राइमरी मेमोरी (Primary memory में जो डाटा होता है और जो निर्देश होते हैं वह अर्थमेटिक लॉजिक यूनिट में ट्रांसफर हो जाते हैं और वहां पर उनकी प्रोसेसिंग का कार्य होता है Arithmetic logic unit (ALU) से जो परिणाम मिलते हैं उनको प्राइमरी मेमोरी में ट्रांसफर कर दिया जाता है और प्रोसेसिंग समाप्त होने के बाद में प्राइमरी मेमोरी (Primary memory) में जो डाटा बचता है या अंतिम परिणाम बचते हैं वह एक आउटपुट डिवाइस (Output device) के माध्यम से आप तक पहुंचा दिए जाते हैं



कंट्रोल यूनिट (Control Unit) सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट यानि CPU का एक मुख्‍य घटक होता है इसे नियंत्रण इकाई भ्‍ाी कहते हैं शार्ट में इसे CU भी कहा जाता है तो आईये जानते हैं कंट्रोल यूनिट (Control Unit) क्‍या है और यह सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट यानि CPU में क्‍या काम करती है - What is Control Unit in CPU


कंट्रोल यूनिट क्या है - What is Control Unit in CPU in Hindi

आप तो जानते हैं कंप्‍यूटर कोई भी काम करने के लिये प्रोसेंसिग करता है प्रोसेसिंग काम होने की प्रकिया को कहा जाता है जिसमें यूजर द्वारा इनपुट डाटा को सूचना में परिवर्तन किया जाता है प्रोसेसिंग की प्रक्रिया कुछ इस प्रकार होती है - 

प्रोसेसिंग क्या होता है -What is Processing

आपके द्वारा इनपुट डाटा की सभी प्रकार की गणना और तुलना अर्थमेटिक लॉजिक यूनिट (ए. एल.यु.) में होती हैं प्रोसेसिंग से पहले प्राइमरी मेमोरी (Primary memoryमें जो डाटा होता है और जो निर्देश होते हैं वह अर्थमेटिक लॉजिक यूनिट में ट्रांसफर हो जाते हैं और वहां पर उनकी प्रोसेसिंग का कार्य होता है Arithmetic logic unit (ALU) से जो परिणाम मिलते हैं उनको प्राइमरी मेमोरी में ट्रांसफर कर दिया जाता है और प्रोसेसिंग समाप्त होने के बाद में प्राइमरी मेमोरी (Primary memory) में जो डाटा बचता है या अंतिम परिणाम बचते हैं वह एक आउटपुट डिवाइस (Output device) के माध्यम से आप तक पहुंचा दिए जाते हैं

कैसे और क्‍या काम करता है कंट्रोल यूनिट

इस सारी प्रोसेसिंग की प्रक्रिया को कंट्रोल करता है कंट्रोल यूनिट यानी इनपुट डिवाइस को डाटा कहां से लेना है उसको स्टोरेज डिवाइस में कब डालना है एलयू को एक बार डेटा कब लेना है और डेटा का क्या करना है और अंतिम परिणाम को आउटपुट डिवाइस तक कैसे भेजना है यह सारे काम कंप्यूटर सिस्टम के कंट्रोल यूनिट (CU) से ही संभव होते हैं वह प्रोग्राम निर्देशों को सेलेक्ट करता है उनका समझता है तथा कंट्रोल यूनिट पूरी सिस्टम की कार्यप्रणाली को निर्देशित करने का काम करता है और प्रोग्राम का पालन करने में सक्षम होता है

यानी सोचने का काम करता है अर्थमेटिक लॉजिक यूनिट और प्रोग्रामर द्वारा सभी प्रोग्राम्स में जो निर्देश दिए जाते हैं , उन सभी निर्देशों का पालन कराने का काम करता है कंट्रोल यूनिट, कंट्रोल यूनिट मेन मेमोरी में स्‍टोर किए गए सारे प्रोग्राम से निर्देशों को प्राप्त करता है उन निर्देशों का अर्थ करता है और उनको इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल्स में कंवर्ट कर देता है जो सिस्टम के अन्य यूनिट को उनके कार्यों को करने के लिए सक्रिय करता है 


Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

International Organisations and their Headquarters

International  Organisations and their  Headquarters Organisation Headquarters Formation Day/Year United Nations Organisation New York, USA 24.10.1945 United Nations Childrens' Fund (UNICEF) New York, USA 11.12.1945 United Nations Population Fund (UNFPA) New York, USA 1969 UN Women New York, USA 2010 United Nations Educational Scientific and Cultural Organisation (UNESCO) Paris, France 16.11.1945 Organisation for Economic Cooperation and Development (OECD) Paris, France 30.09.1961 United Nations Industrial Development Organization (UNIDO) Vienna, Austria 1966 International Atomic Energy Agency Vienna, Austria 29.07.1957 Organisation of Petroleum Exporting Countries (OPEC) Vienna, Austria Sep 1960 International Monetary Fund (IMF) Washington DC, USA 27.12.1945 World Bank Washington DC, USA July 1944 Amnesty International London July 1961 International Maritime Organisation London 1954 Consumers International London 1960 Commonwealth of Nations L...

MS Excel क्या है? MS PowerPoint क्या है? in Hindi unit-4

MS Excel क्या है ? MS Excel in Hindi MS Excel क्या है ? Hello दोस्तों , MS Excel के बारे में तो आपने सुना ही होगा जिसे Excel भी कहा जाता है यह एक बहुत ही पोपुलर सॉफ्टवेयर है जो MS office पैकेज में आता है इसका इस्तेमाल spreadsheet बनाने के लिए किया जाता है. MS Excel की मदद से हम बहुत सारे काम कर सकते हैं अगर आपको उनके बारे में जानना है तो इस पोस्ट को आगे तक पड़ते रहिये क्यूंकि इसमें हम इसी बारे में बात करेंगे की  MS Excel क्या है ? इसको क्यूँ और कैसे इस्तेमाल किया जाता   है तो बिना समय गवाए आइये आगे बड़ते हैं. MS Excel क्या है ? MS Excel in Hindi MS Excel यानी Microsoft Excel Microsoft ( माइक्रोसॉफ्ट) कंपनी द्वारा बनाया गया एक सॉफ्टवेयर है. जो   MS office   यानी माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस के साथ आता है. MS Excel  spreadsheet ( स्प्रेडशीट)   बनाने के लिए   उपयोग किया जाने वाला   सॉफ्टवेयर   है. इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल Spreadsheet, worksheet और टेबल्स   बनाने के लिए किया जाता है. इसमें र...

सफलता का मंत्र क्या है ? कैसे होते है सफल What is the mantra of success? how to become successfull

सफलता का मंत्र क्या है ? कैसे होते है सफल What is the mantra of success? how to become successfull  सफलता के ऊपर आपने बहोत किस्से,कहानी,वीडियो देखी है  पता है हम क्या करते है, उनको पढ़ कर सुनकर कुछ वक्त के लिए तो दृढ़ महसूस करते है पर कुछ समय और कुछ दिन बाद फिर वैसा ही महसूस करने लगते है  क्यों ? में बताता हूं सफलता किसी, सफलता वाली किताब को पढ़ कर नही मिलती, किसी सफलता वाली वीडियो देख कर नही मिलती सफलता मिलती है आपके दूर दृष्टि से आप के आज से आपके कुशल होने से,  क्योंकि आप कितना भी पढ़ ले, बोल ले, सुन ले ,या देख ले , पर जब तक आपके पास कोई कौशल नही है तब तक आप सफलता नही पा सकते  कौशल कैसे हो ? देखो हम अपने अंदर की खूबी पहचाने बिना ही , ये जाने बिना ही के हम कोंन सा काम सबसे अच्छा कर सकते है, उसको छोड़ कर हम उन काम मे लगे रहते है जिसमे ना हम मन लगा पाते है ना ध्यान,  क्योंकि ये जो कुछ लोग आपको, ये बॉलते है के आप ऐसे करो वैसे करो , ऐसा होगा, सब फ़र्ज़ी बाते है आप उसके हिसाब से नही अपने हिसाब से अपनी अंदर के हुनर को देख कर उसपर ध्यान दो, आप कामयाब इंसान हो जाओगे, क्य...