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March 2, 2019
History of
Internet in Hindi
आज पूरी दुनिया
इंटरनेट की गिरफ्त में है, इंटरनेट के बिना
मानो आज जिंदगी की कल्पना ही नहीं की जा सकती है। हर कोई आज इंटरनेट का आदि बन
चुका है, क्योंकि जिस चीज
की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी, उसे आज इंटरनेट ने हकीकत में बदल दिया है।
इंटरनेट के
माध्यम से आज घर बैठै-बैठे दुनिया के किसी भी कोने में बैठे शख्स से बातचीत कर
सकते हैं, ईमेल या सोशल
नेटवर्किंग साइट्स के माध्यम से अपना संदेश भेज सकते हैं, वीडियो कॉल कर
सकते हैं, वहीं इंटरनेट ने
कम्यूनिकेशन को इतना आसान बना दिया है कि देश-दुनिया की अर्थव्यवस्था पहले के
मुकाबले काफी बेहतर हो गई है।
क्या आपने कभी
जानने की कोशिश की है, कि इंटरनेट क्या
है, इसकी शुरुआत कैसे
और कब हुई, इसका विस्तार
कैसे हुआ और इंटरनेट से जुड़े तमाम सवालस, जिनके जबाव आज हम आपको अपने इस लेख में उपलब्ध करवाएंगे। तो
आइए जानते हैं इंटरनेट के बारे में –
इंटरनेट का इतिहास – History of
Internet in Hindi
इंटरनेट क्या है और इसकी परिभाषा – What is Internet And Definition of Internet
सूचना के
आदान-प्रदान का एक वैश्विक कंप्यूटर नेटवर्क इंटरनेट कहलाता है, जिसमें सभी
कंप्यूटर आपस में जुड़े रहते हैं।
इंटरनेट के अर्थ
को सरल शब्दों में समझा जाए तो इसका मतलब इंटरनेशनल नेटवर्क होता है, जो कि दुनिया का
सबसे बड़ा नेटवर्क है और यह दुनिया के सभी कंप्यूटरों को राउटर (Router) और वेब सर्वर के
माध्यम से आपस में जोड़ता है।
कैसे हुई इंटरनेट की शुरुआत? – When was The
Internet Born?
·
सबसे पहले इंटरनेट की शुरुआत अमेरिका सेना द्धारा पेंटागन
अमेरिका के रक्षा विभाग में की गई थी। साल 1969 में ARPANet मतलब (Advance Research project Agency) नाम का Networking Project लॉन्च किया गया था।
जिसका इस्तेमाल युद्द के समय बिना किसी मुश्किलों के गोपनीय
सूचना भेजने और संचार व्यवस्था को सुरक्षित रखने के लिए किया गया था। वहीं थोड़े
समय बाद इससे मिलने वाले लाभों को देख शोधकर्ता, वैज्ञानिक, मिलिट्री के लोग और कॉन्ट्रेक्टर्स इसका इस्तेमाल करने लगे।
इसके बाद धीरे-धीरे इसकी लोकप्रियता बढ़ती चली गई। और आज इस
नेटवर्क ने पूरी दुनिया को अपनी गिरफ्त में ले लिया है।
·
सबसे पहले ‘Vinton Gray Cerf‘ और ‘Bob
Kanh‘ नाम के दो शख्स के द्दारा साल 1970 में इंटरनेट की
शुरुआत की गई थी। इसलिए इन्हें इंटरनेट का जनक भी कहा जाता है।
·
रेटॉमलिसंन ने साल 1972 में पहला ईमेल भेजा।
·
ब्रिटिश डाकघर में पहली बार इंटरनेट का इस्तेमाल साल 1979 में नई
प्रौद्योगिकी के रुप में किया गया। इसके बाद ही कंप्यूटर तकनीकी में तेजी से विकास
हुआ।
·
नेशनल साइंस फाउंडेशन ने कुछ हाई स्पीड कंम्यूटरों को
जोड़कर साल 1980 में एक नेटवर्क (NSFNet) तैयार किया, जिसने बाद में
इंटरनेट (Internet) की नींव रखी।
वहीं इसी साल बिल गेट्स की कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने भी अपना ऑपरेटिंग सिस्टम आईबीएम
के कंप्यूटर पर लगाने का सौदा तय किया।
·
साल 1984 में इस नेटवर्क से 1000 से ज्यादा निजी कंप्यूटर जुड गए, इसके बाद
धीरे-धीरे इसका तेजी से विकास हुआ और आज इसके दुनिया के सबसे बड़े नेटवर्क का रूप
धारण कर लिया है।
·
आम जनता के लिए साल 1989 में इंटरनेट खोल दिया गया, जिससे इस्तेमाल बड़े स्तर पर लोगों द्धारा कम्यूनिकेशन और
रिसर्च के लिए किया जाना लगा।
·
वर्ल्ड वाइड वेब की खोज से इंटरनेट को साल 1990 में एक नई दिशा
दी गई। इसके बाद इस क्षेत्र में और अधिक तेजी से विकास होता चला गया।
·
शिक्षा एवं रिसर्च से संबंधित सूचनाओं के आदान-प्रदान के
लिए हाई स्पीड नेटवर्क को विकसित करने के मकसद से साल 1991 ‘नेशनल रिसर्च एंड
एजुकेशन नेटवर्क’ (NREN) की स्थापना की
गई।
·
इसके बाद साल 1993 में पहले ग्रोफिक वेब ब्राउजर और मोजाइक सॉफ्टवेयर ( MOSAIC) सॉफ्टवेयर की खोज
ने इंटरनेट के विकास को गति प्रदान की।
इंटरनेट की
दुनिया में तेजी से नए-नए अविष्कार होते चले गए, और इसका तेजी से विकास होता चला गया, और आज दुनिया के
सभी देशों के नेटवर्क आपस में जुड़ गए, जिससे सूचना का आदान-प्रदान, शौध, वित्तीय लेनदेन
समेत तमाम ऐसी चीजें सेंकेण्डों में की जाने लगी है, जिसके बारे में पहले कभी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी।
भारत में कब हुई इंटरनेट की शुरुआत? – When Internet Started in India?
भारत में विदेश
संचार निगम लिमिटेड द्धारा टेलीफोन लाइन के जरिए भारत में सबसे पहले इंटरनेट का
इस्तेमाल 15 अगस्त साल 1995 में किया गया था।
शुरुआत में देश में करीब 20- 30 कंप्यूटर ही
इंटरनेट से जुड़ सके थे।
उस वक्त सिर्फ
जरूरी सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता था और सिर्फ कुछ
बड़े-बडे़ संस्थानों और कॉलेजों को ही इंटरनेट से जोड़ा गया था। वहीं शुरुआत में
इसकी स्पीड भी बेहद कम थी। इसके बाद जैसे-जैसे इंटरनेट का भारत में विस्तार होता
गया वैसे-वैसे इंटरनेट की स्पीड भी बढ़ती गई।
90 के दशक में भारत
में इंटरनेट का तेजी से विकास हुआ और इसकी पहुंच देश के कोने-कोने में हो गई। वहीं
आज इंटरनेट का इस्तेमाल लोग सूचनाओं के आदान-प्रदान, शौध और शिक्षा के लिए ही नहीं करते हैं बल्कि इंटरनेट के
माध्यम से आज लोग लाखों – करोड़ों रुपए घर बैठे ही कमा रहे हैं।
आज दुनिया में
ऐसा कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है जहां इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं हो रहा है इसलिए
इंटरनेट को अब तक दुनिया के सबसे बड़े और अच्छे अविष्कारों में एक माना गया है।
Services
of internet
- Information about News –: iइन्टरनेटपर संसार के सभी समाचार पत्र, मैगजीन उपलब्ध हो जाते हैं| आपको जिस भी संबंध में जानकारी चाहिए, वह टाइप कीजिये और आपके सामने वह खबर अथवा वह
जर्नल उपलब्ध हो जाएगा |
- Online banking -: यदि आज हमें बैंक का कोई काम हैं, तो उसके लिए हमें बैंक में जाकर लाइन में खड़े
रहकर प्रतीक्षा करने की जरुरत नहीं हैं, हमें जरुरत हैं तो बस इस बात की कि हम ऑनलाइन
बैंकिंग या नेट बैंकिंग की सुविधा अपने खाते में शुरू कराए और फिर इंटरनेट के
माध्यम से हमारा बैंक संबंधी कोई भी काम, जैसे- पैसे जमा करना, फण्ड ट्रान्सफर करना, बिल जमा करना, रिचार्ज करना, आदि घर बैठे आसानी से हो जाएगा|
- E-Commerce-: अब तो इंटरनेट का उपयोग बहुत ही बड़े स्तर पर
व्यापार व्यवसाय में भी होने लगा हैं |बड़ी – बड़ी कम्पनियाँ अपने विभिन्न देशों में
फैले बिज़नेस के फैसले लेने के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग करती हैं, इसकी उपयोगिता और सुविधा को देखते हुए इसे
क़ानूनी मान्यता भी प्राप्त हैं| यदि हम कुछ बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों की बात करें, तो आज इनमें सबसे बड़ी कंपनी हैं – फ्लिपकार्ट, जिसे इसी क्षेत्र की एक दूसरी कंपनी अमेज़न
द्वारा कड़ी टक्कर दी जा रही हैं|
- Mobile Commerce
(M-Commerce) -: कंप्यूटर पर
इंटरनेट का उपयोग तो बहुत पुराना हैं, परन्तु मोबाइल पर इंटरनेट की सुविधाओं की शुरुआत
एक या दो दशक पूर्व ही हुई हैं| आज कंप्यूटर भले ही सबके पास ना हो, परन्तु मोबाइल ना हो, ऐसा संभव नहीं हैं| अतः मोबाइल के साथ इंटरनेट को जोड़कर इन दोनों ही
व्यवसायों ने एक – दूसरे को कॉम्प्लीमेंट करते हुए अपना क्षेत्र बढ़ाया हैं| अपनी इस प्रकार बढ़ती उपयोगिता के कारण इन
कम्पनियों को तो फायदा हुआ ही, साथ ही अंतिम उपभोक्ता (End Users)को भी बहुत फायदा हुआ हैं| इन कंपनियों द्वारा भी मोबाइल के लिए स्पेशल
ऐप्स डिज़ाइन किये गये हैं और हर वो काम जो कंप्यूटर इंटरनेट द्वारा हो सकता
था, अब स्मार्ट फोन पर मोबाइल
इंटरनेट के द्वारा भी हो सकता हैं|
- Medium of Communication
–: संसार का कोई
व्यक्ति चाहे कहीं भी क्यों ना रहता हो, यदि हमें उससे संपर्क स्थापित करना हैं अथवा उस
तक कोई सन्देश पहुँचाना हैं या उससे बातचीत करना हैं, कोई मीटिंग करनी हैं तो वो इंटरनेट के माध्यम से
संभव हैं| इसके लिए ई–मेल भेजकर
संदेश भेजना, स्काइप द्वारा वीडियो
कालिंग करना, फेसबुक पर चैटिंग के
माध्यम से बातें करना, व्हाट्स एप्प आदि जैसी
सुविधाएँ उपलब्ध हैं|
- Entertainment -: इंटरनेट का प्रयोग मनोरंजन के लिए भी व्यापक रूप
से किया जाता हैं. इंटरनेट पर पूरे विश्व की फ़िल्में, सीरियल, जोक्स, कंप्यूटर गेम्स, सोशल मिडिया और न जाने क्या – क्या हमारे
मनोरंजन के लिए उपलब्ध हैं.
- Online freelancer–: इंटरनेट के माध्यम से एक बहुत अच्छा अवसर लोगों
को प्राप्त हुआ हैं, जिससे वे घर बैठे इंटरनेट
का उपयोग करके अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकते हैं और इसके साथ ही अपने
हुनर के माध्यम से पैसा भी कमा सकते हैं |
- Data sharing –: इंटरनेट के माध्यम से आप किसी भी व्यक्ति या
संस्था या किसी कंपनी को आवश्यक डाटा या कोई फाइल भेज सकते हैं, वर्क फ्रॉम होम जैसी कार्य प्रणालियों में इसी
के माध्यम से कार्य किया जाया हैं|
- Online booking –: आज अगर आपको कही जाना हैं, तो आप उस स्थान पर पहुंचकर बुकिंग करने की बजाय
इंटरनेट के द्वारा बुकिंग करके जाना अधिक पसंद करते हैं, इससे आपके समय और साधन की तो बचत होती ही हैं, साथ ही आप अनावश्यक रूप से होने वाली परेशानियों
से भी बच जाते हैं| इनमें ऑनलाइन ट्रेन और बस
के टिकट की बुकिंग, फिल्म आदि के शो की बुकिंग, होटल बुकिंग, आदि शामिल हैं|
Search Engines कैसे काम करतें है ?
21 Comments / Blog / By Swati Jain
हम Search Engines के top पर आने के लिए SEO करते है।
पर क्या आप जानते है कि Search Engines काम कैसे करतें है?
Google, Yahoo , Bing etc. सभी popular Search engines हैं।
सर्च इंजन की popularity का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब भी कुछ
जानकारी चाहिए होती है तो हम उसे Google पर जाकर ढूंढ़ते
हैं।
Search engines defined in Hindi
सर्च इंजंस क्या
होते हैं ?
सर्च इंजन actual में software programme है जिन्हें Spiders, bots या crawlers कहते हैं।
यह ऑनलाइन जितने भी
webpages available हैं उनकी जानकारी इकट्ठा करते हैं और जब कोई search की जाती है तो उस से related सारी जानकारी वह
हमें देते हैं।
Search engines कैसे काम करतें हैं
?
सर्च इंजन बहुत
सारी information collect करते हैं , उसको सही से organize करते हैं और माँगे
जाने पर user को results की form में display कर दी जाती है।
आपने देखा होगा –
जब भी आप Google के search box में कुछ type करते हैं तो कुछ ही
सेकंड के अंदर हमारे पास बहुत सारे results आ जाते हैं।
आज के समय में Google का सर्च इंजन बहुत ही popular है।
Google ने अपने software programme को बहुत ही अच्छी तरह design किया है ताकि users तक best results पहुचायें जा सकें।
मुझे याद है जब मैं
स्कूल में थी और Indian culture पर project बनाना था।
मैं सबसे पहले library गई थी , information collect करने।
और library incharge ने बहुत ही जल्दी related book
निकालकर मुझे दे दी थी।
Library में बहुत
सारी किताबें होती है, पर फिर भी बहुत ही
तरीके से उनको arrange किया जाता है।
उसी तरह online भी बहुत सारी जानकारी है .
सर्च इंजन उस सभी
जानकारी को इकट्ठा करते हैं, organize करके rank decide करतें हैं और मांगे जाने पर अपने users को दे देते हैं।
सर्च इंजन 3 steps में काम करते हैं-
1.
Crawling
2.
Indexing
3.
Retrival
सबसे पहले सर्च इंजन crawling करते हैं।
वह एक webpage पर जाते हैं और उस पर दिए हुए लिंक को follow करते करते हुए दूसरे , फिर तीसरे आदि पर।
इस तरह Online सभी webpages की जानकरी को
इकठ्ठा कर लेते हैं।
जब भी कोई नई website बनाये तो उसे search engines को ज़रूर submit करें।
Search Engine
Optimization के लिए जरुरी है जब भी कोई नई website बनाये तो उसे search engines को ज़रूर submit करें।
और अपनी website का sitemap भी search engines को देना चाहिए ,
ताकि crawlers हमारी website की information सही से collect कर पाएं और अपने database में add आकर लें।
दूसरा Step है – Indexing
जानकारी इकट्ठा
करने के बाद इस जानकारी को अपने database में add कर लेतें है।
सभी इकठा information को analyse किया जाता है और ranking दी जातीं हैं। यानी
हज़ारों webpages में से किसको किस position पर show करना है SERP ( Search Engine Result
Page ) में।
इसी process को indexing कहतें है।
हर सर्च इंजन के
अपने rules ( algorithms ) होते हैं जिनके
आधार पर ranking decide करी जाती है.
अगर हम Google की बात करें तो लगभग 200 factors हैं जिसके bases पर सभी webpages को analyse करते हैं और rank देतें हैं।
उदाहरण के लिए —
अगर मैं Google में Taj Mahal टाइप करू तो जो वेबसाइट top पर आई हैं उनके title, description और URL में Taj Mahal लिखा हुआ है।
ऐसा इसलिए है
क्योंकि Rank देते समय Google search webpage के title, description और URL को बहुत important factor मानता है।
इसके अलावा और भी
बातें जो Google के सर्च रिजल्ट में हमारी रैंकिंग decide करती हैं।
- जैसे- हमारी
वेबसाइट कितनी पुरानी है?
- उस पर
दी गई जानकारी की Quality कैसी है ?
- कितनी वेबसाइट से जो उस webage को लिंक करती हैं? ( backlinks
)
यह वह सभी बातें
हैं जो Google को यह है इशारा करती हैं की किस webpage को किस position पर दिखाये।
तीसरा और last step है -Retrival
इस step में user की Query को समझा जाता हैऔर उससे Related सभी results display किए जाते हैं।
जब भी हम Google के सर्च बॉक्स में कुछ टाइप करते हैं तो कुछ नहीं सेकेंड के
अंदर
उस से Related जितनी भी जानकारी online available
है , वह हमें अपनी search results
में दिखा देता है।
Conclusion
Google, Yahoo,Bing
आदि यह सभी सर्च इंजन वास्तव में सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है,
जो कुछ भी सर्च
करने पर user को उस से related online
available सभी जानकारी बहुत जल्दी दे देते हैं।
सभी search engines की working इस तरह होते है – जानकारी इकट्ठा करना उसको analyse करके रैंक देना और मांगे जाने पर user कोresults show करना।
Webpage क्या
है और एक वेबपेज कैसे बनाये?
HTML Document और Web Page की पूरी जानकारी
क्या आप जानते है
अभी आप एक Webpage (वेबपेज) को ही पढ रहे है. चौंकिए मत ये सच है! आप एक HTML Document को ही पढ रहे है. और थोडी ही देर में जान जाऐंगे कि एक
वेबपेज क्या है? एक HTML Document क्या होता है?
इस Lesson में हम आपको Webpage के बारे में पूरी
जानकारी देंगे. आपको इस Lesson में एक वेबपेज क्या है? (What is a Webpage?), वेबपेज की
परिभाषा, वेबपेज के प्रकार, वेबपजे कैसे
बनाये? आदि सवालों के जवाब मिल जाऐंगे. इसके अलावा हम आपको एक Webpage और Website में अंतर के बारे में भी जानकारी देंगे.
Webpage क्या है – What is a Webpage?
Webpage या Web page (दोनो रूप प्रचलित और सही है) इंटरनेट पर उपलब्ध एक Document होता है, जिसे इंटरनेट से
जुडा हुआ (Connected) प्रत्येक व्यक्ति Web
Browser की सहायता से देख सकता है. Webpage को HTML Document भी कहते है.
Webpage एक HTML Document होता है. क्योंकि
वेबपेज को मुख्यत: HTML में ही लिखा जाता
है. HTML भाषा के अलावा इन्हे अन्य प्रोग्रामिंग भाषाओं में भी लिखा
जाता है. दुनिया का पहला Webpage अथवा HTML Document श्रीमान Tim Berners Lee द्वारा सन 1991 में बनाया गया
था. पहले वेबपेज को लिखने के लिए HTML भाषा का उपयोग
किया गया था. और आज भी इस भाषा का उपयोग सबसे ज्यादा किया जाता है.
Webpage के प्रकार – Types of Webpage
Webpage की प्रकृति और बनावट को समझने के लिए वेबपेज के दो प्रकार
बताए गए है.
1.
Static Webpage
2.
Dynamic Webpage
1.Static Webpage
एक Static Webpage जिसे Flat Page भी कहा जाता है, एक साधारण HTML Document होता है. Static Webpage को केवल HTML और CSS से ही बनाया जाता
है. आप एक Static Webpage की तुलना Newspaper और Magazine Article से कर सकते है.
इस तरह के वेबपेज में User यानि कि हम कोई परिवर्तन नही कर सकते है. इसे केवल Webmaster ही Change कर सकता है.
2. Dynamic
Webpage
Dynamic Webpage बिल्कुल Static Webpage के विपरीत होता है. यह वेबपेज समय के अनुसार बदलता रहता है.
जैसे एक News Site पर हमेशा Current Time की News पहले दिखाई जाती जाती है और अन्य खबरें बाद में दिखाई देती
है. Dynamic Webpages को बनाने के लिए
जिस तकनीक का उपयोग किया जाता है, उसे सामुहिक रूप
में DHTML नाम दिया गया है. DHTML की Full Form Dynamic Hypertext Markup Language है.
Webpage और Website में अंतर – Different between a Webpage and Website in Hindi
एक Webpage और Website में क्या अंतर है? यह सवाल एक
साधारण इंटरनेट User को हमेशा ही Confused करता है. और इस Confusion के कारण कुछ लोग Webpage और Website दोनों को एक ही चीज समझने लगते है.
लेकिन, हम आपको बताना चाहेंगे कि Website और Webpage दोनों एक ही सिक्के के दो पहलु है. और दोनों एक दूसरे से
परस्पर (Interconnected) जुडे हुए है.
अब बात आती है कि एक Website और Webpage में क्या अंतर है? तो Webpage एक साधारण HTML Document होता है. जिसे HTML और CSS की मदद से बनाया जाता है. HTML और CSS के अलावा भी अन्य प्रोग्रामिंग भाषाओं का भी उपयोग किया
जाता है.
और एक Website इन Webpages से मिलकर बनी होती है. जैसे यह Lesson एक वेबपेज है और TutorialPandit.com ऐसे सैंकडों Lessons का एक समूह है.
और एक Website इन Webpages से मिलकर बनी होती है. जैसे यह Lesson एक वेबपेज है और TutorialPandit.com ऐसे सैंकडों Lessons का एक समूह है.
Website को बनाने के लिए हमें वेबपेज के अलावा Domain Name, Web Hosting आदि की भी जरूरत पडती है. लेकिन, वेबपेज को बनाने के लिए हमे इन चीजों की आवश्यकता नही होती
है.
Webpage कैसे बनाये – How to Create a Webpage?
Webpage को बनाना बहुत आसान है आप खुद अपने लिए एक वेबपेज बना सकते
है. एक वेबपेज को बनाने के लिए आपको HTML, Web
Browser और एक Text Editor जैसे, Notepad की जरूरत पडेगी.
और एक सामान्य Computer में एक वेब
ब्राउजर और एक Text Editor तो Install रहते है. और HTML Coding आपको सीखनी पडती है.
रही बात एक
वेबपेज बनाने की तो यह एक Technical Work है. जिसके लिए
आपको थोडा Technical Knowledge होना जरूरी है.
इसलिए हमने यहाँ वेबपेज बनाने के बारे मे जानकारी नही दी है. हमने एक वेबपेज कैसे
बनाये? नाम से एक अलग Tutorial लिखा है. आप यहाँ
जाकर वेबपेज को बनाने के बारे में पूरी जानकारी ले सकते है.
इंटरनेट पोर्टल
पोर्टल इंटरनेट और विश्वव्यापी
वेब के संदर्भ में जालस्थलों (वेबसाइट्स) के समूह को कहा
जाता है। पोर्टल का शाब्दिक अर्थ होता है प्रवेशद्वार। एक पोर्टल वास्तव में स्वयं भी एक जालस्थल होता है, जिससे दूसरे कई अन्य संबंधित जालस्थलों पर पहुंचा जा सकता
है। इंटरनेट से जुड़ने पर कई प्रकार के पोर्टल मिलते हैं।[1] ये अंतर्जाल के अथाह सागर में एक लंगर की तरह काम करता है।
इन पर विभिन्न स्त्रोतों से जानकारियां जुटाकर व्यवस्थित रूप में उपलब्ध करायी
जाती हैं। इसके साथ ही पोर्टल पर कई तरह की सेवाएं भी दी जाती हैं, जैसे कई पोर्टल पर उपयोक्ताओं को सर्च इंजन उपलब्ध कराया
जाता है, इसके अलावा, कम्युनिटी चैट
फोरम, निजी गृह-पृष्ठ (होम पेज) और ईमेल की सुविधाएं भी
दी गई होती हैं। पोर्टल पर समाचार, स्टॉक मूल्य और
फिल्म आदि की गपशप भी देख सकते हैं। कुछ सार्वजनिक वेब पोर्टलों के उदाहरण हैं: एओएल, आईगूगल, एमएसएन, याहू आदि।[2]
ऐतिहासिक रूप में पोर्टल का प्रयोग किसी द्वार, इमारत या अन्य संरचना के मुख द्वार रूप में किया जाता था, जिसका शाब्दिक अर्थ था वहां प्रवेश करने के लिए एक प्रभावी
मार्ग। मोटे तौर पर वेब पोर्टल उपयोक्ताओं को आधारभूत जानकारी उपलब्ध कराता है।
साथ ही इसके माध्यम से विभिन्न अन्य साइट्स तक पहुंच सकते हैं।[1] एक विशेष सुविधा यह है कि एक पोर्टल पर उपयोक्ता अपना स्वयं
का कैलेंडर तैयार कर सकते हैं और महत्वपूर्ण अवसरों के लिए अनुस्मारक (रिमाइंडर)
भी बना सकते हैं। उपयोक्ता अपना पोर्टल तैयार कर उसमें अपनी रुचियों, कार्य, यात्राओं आदि के
बारे में भी पाठ को पृथक-पृथक रूप में डाल सकते हैं। इसी तरह प्रशासन नागरिकों को
अपने पोर्टल के माध्यम से मौसम की जानकारी उपलब्ध करा सकता है। साथ ही उसमें वहां
की खबरें और शेष सरकारी जानकारी भी हो सकती हैं। इसमें सरकार के प्रतीक चिह्न्, भाषण, उपभोक्ता सेवाएं
और कर, आदि से संबंधित जानकारी भी शामिल हो सकती हैं।
अनुक्रम
१९९० के दशक के अंतिम वर्षों में वेब पोर्टल काफी प्रचलित
हुए थे। वेब
ब्राउज़रों के उद्भाव के उपरांत कई कंपनियों ने एक न एक पोर्टल बनवा
लिया या बनवाने में प्रयासरत रहे, जिससे कि अपनी
कंपनी को तेजी से फैलते हुए इंटरनेट के संसार में अपनी कंपनी को स्थान दिला पायें।
ये वेब पोर्टल विशेष आकर्षण का केन्द्र थे, क्योंकि बहुत से
इंटरनेट उपयोक्ताओं के लिये ये वेब ब्राउज़र आरंभ करने का बिन्दु हुआ करते थे। नेटस्केप अमेरीका ऑनलाइन का भाग बन गया, वॉल्ट
डिज़्ने ने Go.com लॉन्च किया, तथा एक्साइट और @Home आगे चलकर २००० से
कुछ समय पूर्व AT&T का भाग बन गये।
२०००-०१ के बीच इनमें से कई पोर्टल बंद होने के कगार पर भी
पहुंच गये, जैसे डिज़्ने ने Go.com को बाजार से वापस
ले लिये था, एक्साइट भी दीवालिया हो गया और उसके अवशेष iWon.com को बेच दिये गए।
किन्तु इस दौड़ में याहू आदि जैसे अनेक
पोर्टल पूरे रूप से सफल रहे और आज भी इंटरनेट के आसमान पर चमक रहे हैं।
कुछ पोर्टल्स रोजगार, शिक्षा और नागरिक
सुरक्षा की सूचना भी देते हैं। निगमित पोर्टल्स भी काफी लोकप्रिय हो रहे हैं। किसी
निगम के वेब पोर्टल पर उसके कर्मचारियों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए स्वयंसेवा से
जुड़ी गतिविधियों की जानकारी दी जाती है। इसमें काम करने वाले लोग पोर्टल से अपने
लिए आवश्यक सूचनाएं जैसे, वेतन, प्रतिपूरक
सुविधाएं, नोटिस और अन्य जानकारी के बारे में जान सकते हैं जबकि
उपभोक्ता कंपनी की नई परियोजनाओं. उसके नए कार्य भुगतान का इतिहास आदि के बारे में
जान सकते हैं।
विकिपीडीया भी अनेक पोर्टल बनाने की सुविधा देता है। यहां
भी अनेक भाषाओं में ढेरों विषयों पर अच्छे स्तरीय पोर्टल उपलब्ध हैं। हिन्दी
विकिपीडिया में अनेक विषयों पर, भारत और उसके सभी
राज्यों, विज्ञाण के अनेक विषयों पर पोर्टल उपलब्ध हैं। यहां पोर्टल
को प्रवेशद्वार कहा जाता है।
What
Is Website In Hindi – वेबसाइट क्या है और वेबसाइट के प्रकार
आजके युआ हररोज
कोई न कोई site इस्तेमाल करते
रहते है. लेकिन उनमेसे बहुत लोगो को अचानक यह सवाल पड़ता है की, वेबसाइट क्या है (what is website in Hindi). शायद उसमेसे ही
एक आप हो. आज हर किसी के पास मोबाइल, computer, लैपटॉप और internet connection होता है. जिसका
इस्तेमाल करना वो बखुबी जानते है. जैसे कोई चैटिंग करता रहता है. तो कोई youtube पर videos वैगेरा देखता
रहता है. साथ ही वे काफी सारे websites को भी visit करते है. उन्हें उन साईट को इस्तेमाल भी करना आता है. जैसे
अगर हमें कोई music download करना है. तो हम
बड़े ही आसानी से किसी साईट से गाना डाउनलोड करते हो. परंतु, हमें website की scientific अथवा technical परिभाषा नहीं पता
होती है. इसीलिये आजके लेख में हम वेबसाइट क्या है और प्रकार के बारे में
जानने के कोशिश करेंगे.
मित्रो आजके
डिजिटल युग में हर किसी व्यक्ति अथवा व्यापारी के पास अपनी खुदकी website अथवा personal blog होता है. खुदकी
कोई site open करने का सबका
अलग-अलग purpose हो सकता है. जैसे
कोई अपना knowlegde share करना चाहता होगा.
कोई online ads लगाकर पैसे कमाना
चाहता होगा. तो कुछ कंपनीया ऐसे भी होते है. जिनको अपने प्रोडक्ट को लोगो को handle करने में कोई
दिक्कत न हो. या फिर भविष्य में कोई technical issue आ गए. तो उसका जवाब internet पर ही aviable हो जाये. उनको एक better resources उपलब्ध किया जाये उदाहरन के लिये आप microsoft कंपनी ले सकते
है.. खेर छोडिये आप बस इस लेख को ध्यान से पढिये. क्योंकि इस आर्टिकल में website के related एक-एक सवालो के
जवाब यहापर दिए गए है.
What is website in
Hindi – website क्या है?
अगर सीधे शब्द
में कहे तो वेबसाइट संचार या digital platform का एक माध्यम है.
जो कही सारे webpages को एकत्रित करके
बनती है. वेबपेज मतलब किसी पन्ने जैसा ही होते है. जिसपर डाक्यूमेंट्स अथवा informative content होता है. उदाहरन
के लिये अभी आप जो लेख पढ़ रहे है. इस page को ही webpage कहते हे और ऐसे कुछ और pages को मिलकर एक website बनती है.
जैसे कुछ सालो
पहले किसी एजेंट या फिर business men के पास visiting card नहीं होता तो उसे
लोग गंभीरता से नहीं लेते थे. ठीक उसी प्रकार अगर आज के digital ज़माने में किसी business/company के पास अगर खुदकी
website नहीं है. तो लोग
उसे professional की तरह नहीं
देखते. मतलब उनको ज्यादा महत्व नहीं देते.
किसी भी website को उसके domain name से पहचाना जाता
है. जैसे google.com,
facebook.com, jankaribook.com, इत्यादि. या अन्य कोई भी साईट जिसके बारे में आप जानते हो.
तो उसपर डोमेन पर visit करने के बाद, हमें कही सारे links देखने को मिलते
है. जो हमें एक webpage से दुसरे webpage में browse करने में मदत
करते है. इसे ही website कहते है.
- क्या आपको पता है
– google क्या है?
Note – यहापर मैंने आपको
बताया की कही सारे वेब पेजेस को मिलकर website बनती है. लेकिन इसका यह मतलब नहीं है. की उन पेजेस की
संख्या हज़ारो में ही होनी चाहिये. वेब पेजेस की संख्या उस website को किस उद्देश से
बनाया गया हे इसपर निर्भर करता है. जैसे किसी small business की website हो तो हमें वहापर सिर्फ चार-पांच webpages ही देखने को
मिलते है. Ex – home page, contact us, about us, etc.
तो ठीक हे में
उम्मीद करता हूँ. की, आप ऊपर के paragraph को पढ़कर website क्या है? यह समझ गए होंगे.
अभी हम वेबसाइट के दो मुख्य प्रकार के बारे में समझने की कोशिश
करते है.
- जानिए 5 मिनट में website कैसे बनाये?
Types of Website
in Hindi.
1. Static Website
शायद आप जानते
होंगे static का अर्थ स्थिर(stable) होता है. तो static website वो होती हे जिनके
web page हमेशा एक जैसे ही
होते है. मतलब उनमे कभी कोई भी बदलाव नहीं किया जाता. दुनिया का कोई भी व्यक्ति उस
पेजेज को open करेगा. तो सबको
एक ही जैसे नजर आएगा. उदाहरन के लिये किसी भी छोटी शॉप की वेबसाइट को ले लेते है.
उनके contact us,
about us पेजेज में कभी कोई बदलाव नहीं किया जाता. मतलब उस पेज के content को उपभोगकर्ता
कभी भी बदलाव नहीं कर सकता.
2. Dynamic website
यहापर फिरसे dynamic का अर्थ समझने की
कोशिश करते है. तो डायनामिक का अर्थ “गतिशील” ऐसे होता है. जिसे एक वाक्य में समझले. तो वो हमेशा बदलता रहता
है. तो ऐसे वेबसाइटस
जो हर यूजर के लिये अलग-अलग दिखती है. साथ ही उसमे हमेशा बदलाव होता रहता है उनको dynamic website कहते है.
इसे उदहारण लेकर
समझने की कोशिश करते है. हम लोग facebook का इस्तेमाल तो करते ही है. तो जब भी हम FB id और पासवर्ड डालकर
log in करते है. तो हर
किसी को उसके अकाउंट में अलग-अलग data या दृष्य दिखाई देते है. जैसे मे अगर फेसबुक में लॉग इन
करता हूँ. तो मुझे अलग कंटेंट दिखेगा और आपको कुछ और ही. ऊपर से यह समय-समय पर
बदलता रहता है. आप इस बात को बखुबी जानते होंगे. जब हम logout करके कुछ देर बाद
फिरसे लॉग इन करते है. तो हमें पहले जो दिखाई दे रहा था. वो सब अलग नजर आ जायेगा.
तो इसे ही dynamic website कहते है.
तो ये दोनों तो
वेबसाइट के मुख्य प्रकार थे. अभी हम ज्यादा जानकारी के लिये other types और terms देखते है.
Other types &
terms of a website in
Hindi.
- Blog – में पहले भी blog क्या है? इसके बारे में
समझा चुका हूँ. आप चाहे तो अभी पढ़ सकते है. मित्रो! blog एक प्रकार की website ही होती है. लेकिन उसमे कही सारे webpages का संग्रह होता है. यह
निर्भर करता हे उस ब्लॉग के लेखक पर की वो कितने आर्टिकल पब्लिश करता है.
परंतु, मुख्य बात यह है की, एक ब्लॉग पर हमेशा informative content होता है. अगर में अभी एक
उदाहरन देना चाहू. तो अभी आप जो लेख पढ़ रहे है उसे webpage अथवा post कहते है. यह webpage jankaribook.com इस website का हिस्सा है. जो की, एक blog ही है. यहातक की विकिपीडिया भी blog है.
- Personal blog -यह blog की तरह ही है. लेकिन पर्सनल ब्लॉग का इस्तेमाल बड़े-बड़े
हस्तिया करते है. मतलब फेमस एक्टर अथवा business-men अपनी पर्सनल इनफार्मेशन share करने के लिये इसका इस्तेमाल करती है.
- E-commerce – ई-कॉमर्स का उदाहरन दू तो आप कुछ ही मिनटों में समझ
जायेंगे. मित्रो amazon, flipcart,
snapdeal जैसे साइट्स ई-कॉमर्स की श्रेणी में आते है. तो सीधे शब्द में ऐसे platform जिनपर हम online shopping कर सकते है. उन सबको E-commerce website कहते है.
- Search Engine – माना की search engine एक वेब प्रोग्राम है. पर यह भी सच हे की आखिर में यह
तो एक website ही है. सर्च इंजन
का इस्तेमाल रोजाना billions और millions लोग करते है. इनमें google, yahoo, bing, इत्यादि. साइट्स का समावेश
है. सर्च इंजन पहले से बाकि के वेबसाइटों का डेटा अपने पास रखता है. ताकि जब
भी कोई उपभोगकर्ता कुछ क्वेरी डालकर खोजे तो उसे परिणाम स्वरुप रिजल्ट्स दिखा
सके.
- Forum – शायद आप फोरम के बारे में पहले से ही जानते होंगे. Forum वो platform हे जहापर लोग अपने सवाल पूछते है और अन्य व्यक्ति उसको
जवाब देते है. मतलब forum website में अकाउंट ओपन
करने के बाद, अगर हमें कोई भी समस्या
है. तो हम अपना सवाल वहापर पोस्ट कर सकते है. उसके बाद हमारे सवाल के जानकार
अथवा एक्सपर्ट्स हमें जवाब देते है. qoura, yahoo answer जैसे top forum websites है.
- Social media – जिसके हात में मोबाइल हो और उसको सोशल मीडिया के बारे
में पता नहीं हो, ऐसे होइ नहीं सकता. आप facebook, twitter, instagram पर तो जरूर active होंगे. तो इनको ही social media साइट्स से जाना जाता है. ऐसे website के जरिये हम हमारे मित्रो, रिश्तेदारों से और दुनिया के किसी भी कोने से कनेक्ट
रह सकते है.
Web portal क्या है? पोर्टल और वेबसाइट में क्या अंतर है?
आपने कहीं न कहीं वेब पोर्टल का नाम जरुर सुना होगा। कई बार वेबसाइट और पोर्टल दोनों को एक ही समझा जाता है। लेकिन क्या इन दोनों में कोई अंतर नही है? आखिर वेब पोर्टल क्या होता है? इसका क्या काम है? इन सभी सवालों के जवाब आपको इस आर्टिकल में मिलेंगे।
Contents:
वेब पोर्टल क्या है? What is Web Portal in Hindi?दरअसल यह एक
प्रकार का वेबसाइट ही है जहाँ अलग-अलग sources से कई सारे सूचनाओं को एकत्रित कर एक single platform पर उपलब्ध कराया
जाता है। लेकिन इसे access करने के लिए यूजर
को लॉग इन करना पड़ता है जिसके लिए username और password की जरुरत पड़ती
है।
यह एक प्रकार का विशेष रूप से डिजाईन किया गया वेबसाइट होता है जो किसी विशेष काम के लिए उपयोग होता है। आजकल लगभग हर बिज़नस या आर्गेनाइजेशन में पोर्टल की जरुरत होती है जिसमे वहां के employee को एक ही स्थान पर सारी जानकारियाँ मिल जातीं हैं।
उदाहरण के लिए किसी हॉस्पिटल के लिए एक patient portal बनाया जा सकता है। जिसपर वहां के डॉक्टर्स लॉग इन करके उस हॉस्पिटल के सारे मरीजों की जानकारी एक ही स्थान पर देख सकते हैं। यह एक प्रकार का प्राइवेट पोर्टल होगा जो सिर्फ उस हॉस्पिटल के स्टाफ के लिये उपयोगी होगा।
इसके अलावा कई सारे पब्लिक पोर्टल्स भी होते हैं जहाँ पर कोई भी अपना account बना कर पोर्टल की सुविधाओं का लाभ उठा सकता है।
ज्यादातर पोर्टल्स किसी विशेष category पर बनाये जाते हैं और user को personalized information दिया जाता है यानी यूजर को उनके जरुरत के अनुसार अलग-अलग तरह की जानकारियाँ दी जातीं हैं।
जैसे job portal, जहाँ सिर्फ नौकरी और रोजगार जैसी सूचनाएं यूजर तक पहुंचाई जाती हैं। लेकिन हर नौकरी की सूचना हर यूजर को नही भेजी जाती यह निर्भर करता है यूजर की योग्यता पर।
जब naukri. com जैसे जॉब पोर्टल पर आप register करते हैं तो वहाँ आप अपना resume डाल सकते हैं और अपनी शिक्षा, अनुभव और योग्यता की जानकारी दे सकते हैं। इसके बाद आपके द्वारा दी गयी इन सारी जानकारियों के अनुसार आपके योग्य नौकरी की सूचनाएं आपको दी जाती हैं।
इन वेब पोर्टल्स को डेस्कटॉप, मोबाइल फ़ोन जैसे किसी भी डिवाइस के द्वारा इन्टरनेट के जरिये कहीं से भी access किया जा सकता है।
पोर्टल कितने प्रकार के होते हैं? Types of Web Portals in Hindiवैसे तो वेब पोर्टल के कई प्रकार के होते हैं लेकिन उनमे से मुख्य प्रकारों के नाम नीचे दिए गये हैं:
यह एक प्रकार का विशेष रूप से डिजाईन किया गया वेबसाइट होता है जो किसी विशेष काम के लिए उपयोग होता है। आजकल लगभग हर बिज़नस या आर्गेनाइजेशन में पोर्टल की जरुरत होती है जिसमे वहां के employee को एक ही स्थान पर सारी जानकारियाँ मिल जातीं हैं।
उदाहरण के लिए किसी हॉस्पिटल के लिए एक patient portal बनाया जा सकता है। जिसपर वहां के डॉक्टर्स लॉग इन करके उस हॉस्पिटल के सारे मरीजों की जानकारी एक ही स्थान पर देख सकते हैं। यह एक प्रकार का प्राइवेट पोर्टल होगा जो सिर्फ उस हॉस्पिटल के स्टाफ के लिये उपयोगी होगा।
इसके अलावा कई सारे पब्लिक पोर्टल्स भी होते हैं जहाँ पर कोई भी अपना account बना कर पोर्टल की सुविधाओं का लाभ उठा सकता है।
ज्यादातर पोर्टल्स किसी विशेष category पर बनाये जाते हैं और user को personalized information दिया जाता है यानी यूजर को उनके जरुरत के अनुसार अलग-अलग तरह की जानकारियाँ दी जातीं हैं।
जैसे job portal, जहाँ सिर्फ नौकरी और रोजगार जैसी सूचनाएं यूजर तक पहुंचाई जाती हैं। लेकिन हर नौकरी की सूचना हर यूजर को नही भेजी जाती यह निर्भर करता है यूजर की योग्यता पर।
जब naukri. com जैसे जॉब पोर्टल पर आप register करते हैं तो वहाँ आप अपना resume डाल सकते हैं और अपनी शिक्षा, अनुभव और योग्यता की जानकारी दे सकते हैं। इसके बाद आपके द्वारा दी गयी इन सारी जानकारियों के अनुसार आपके योग्य नौकरी की सूचनाएं आपको दी जाती हैं।
इन वेब पोर्टल्स को डेस्कटॉप, मोबाइल फ़ोन जैसे किसी भी डिवाइस के द्वारा इन्टरनेट के जरिये कहीं से भी access किया जा सकता है।
पोर्टल कितने प्रकार के होते हैं? Types of Web Portals in Hindiवैसे तो वेब पोर्टल के कई प्रकार के होते हैं लेकिन उनमे से मुख्य प्रकारों के नाम नीचे दिए गये हैं:
§ Vertical Portals: इस प्रकार के
पोर्टल में किसी एक विषय, इंडस्ट्री, या क्षेत्र के
बारे में जानकारी होती है। उदाहरण के लिए यदि कोई बिज़नस पोर्टल है तो उसमे केवल
बिज़नस के बारे में ही जानकारियाँ होंगी।
§ Horizontal Portals: इसे "मेगा
पोर्टल" भी कहा जाता है, क्योंकि यहाँ कई सारे topics के बारे में contents उपलब्ध होते हैं।
§ Enterprise Portals: यह privat portal होता है जो किसी organization के कर्मचारियों
के लिए बनाया जाता है। इसपर employee की सुविधा और सहायता के लिए तरह-तरह के information और services provide किये जाते हैं।
§ Knowledge Portals: इस पोर्टल का
उद्देश्य होता है की जानकारियों को सही और आसान तरीके यूजर तक पहुँचाया जाय।
§ Market Place Portals: इसका उपयोग business to business (B2B),
business to customer (B2C) के support के लिए किया जाता
है। जैसे ecommerce की site जहाँ customer आसानी से products ढूंढ पाता है, इसे मार्केटप्लेस
पोर्टल कहा जा सकता है।
वेब पोर्टल की विशेषताएं (Features of
Web Portal)
§ लॉग इन करना जरुरी
होता है: पोर्टल में दी
गयी सुविधाओं को पाने के लिए यूजर को login करना पड़ता है।
§ पोर्टल के
मेम्बेर्स ही access कर सकते हैं: यदि आप registered member नही हैं तो आप
इसपर नही कर पायेंगे।
§ Personalized
Information: हर यूजर सारी जानकारियों को देख नही सकता उसको उसके role और permission के अनुसार ही
जानकारियां दिखाई जाती हैं।
§ Domain Specific: किसी एक category या एक विशेष
क्षेत्र के लोगों के लिए हो सकता है।
§ Dynamic Contents: एक वेबसाइट के
मुकाबले पोर्टल पर information लगातार बदलते
रहते हैं क्योंकि अलग-अलग यूजर को उनके काम की ही जानकारी और services दी जाती हैं।
§ Communication: यह भी पोर्टल का
एक feature होता है जिससे
मेम्बर आपस में बात कर सकते हैं और एक दुसरे के संपर्क में रह सकते हैं।
वेब पोर्टल्स के कुछ उदहारण
Web portals के कई सारे examples हैं जिनमे से कुछ
ऐसे भी हैं जिन्हें हम हर रोज use करते हैं। ऐसे popular web portals के नाम नीचे दिए
गये हैं।
§ Google
§ Yahoo!
§ Facebook
§ YouTube
§ Twitter
§ Blogger
§ Amazon
§ Flipkart
§ PayTM
§ Naukri
§ Monster
§ OnlineSBI
§ UIDAI - Aadhar Card Portal
§ TimesOfIndia
§ 99acres
§ Yatra
ये सारे पोर्टल्स अपने users को personalized
information provide करते हैं। जैसे यदि हम गूगल की बात करें तो user के country, area और personal settings के अनुसार search results दिखाता है।
पोर्टल और वेबसाइट में क्या अंतर है? Website
Vs Web Portal in Hindi
वेबसाइट
|
वेब पोर्टल्स
|
इसे कोई भी
publicaly access कर सकता है।
|
यह private होता है और
इसे केवल registerd users ही access कर सकते हैं।
|
लॉग इन
करने की जरुरत नही पडती।
|
लॉग इन
करना पड़ता है।
|
इसके content सभी के लिए
एक सामना होते हैं।
|
अलग-अलग
यूजर के लिए अलग-अलग कंटेंट हो सकते हैं।
|
Website में communication
की सुविधा
नही होती।
|
यहाँ पर two-way
communication होता है। users पोर्टल पर बात कर सकते हैं।
|
वेबसाइट का उद्देश्य किसी कंपनी, प्रोडक्ट आदि के
प्रचार के लिए किया जाता है इस लिए इस पर अधिक से अधिक traffic drive करने की कोशिश की
जाती है ताकि यह ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँच सके। जबकि एक portal का काम users, clients, employees आदि को सुविधाएँ
प्रदान करना होता है। यानी इसे विशेष ग्रुप के लोगों को ध्यान में रख कर बनाया
जाता है।
इंटरनेट के फायदे और नुकसान
Advantages and Disadvantages of
Internet in Hindi
इंटरनेट के फायदे और नुकसान Advantages
and Disadvantages of Internet in Hindi
आज की इस आधुनिक
युग में इंटरनेट ने मनुष्य के जीवन को बहुत ही सरल और ज्ञानवर्धक बना दिया है।
हमें इंटरनेट और टेक्नोलॉजी को धन्यवाद करना चाहिए क्योंकि आज हम इन्हीं की मदद से
देश दुनिया से जुड़ पा रहे हैं और विश्व के कोने-कोने का ज्ञान गांव गांव तक पहुंच
पा रहा है।
आज हम इंटरनेट का उपयोग व्यापार, शिक्षा, चिकित्सा, परिवहन, स्कूलों, कालेजों, पारंपरिक कार्यक्रम, और निजी जीवन हर क्षेत्र में कर
रहे हैं।
इंटरनेट पर निबंध Essay on Internet in Hindi
पुराने जमाने में इंटरनेट के माध्यम से मात्र वेबसाइट ब्राउज किए जाते थे ईमेल भेजे जाते थे। परंतु आज के इस आधुनिक युग में इंटरनेट को दुनिया के हर एक क्षेत्र में हर टेक्नोलॉजी से जुड़े हुए कार्य के लिए उपयोग में लाया जा रहा है। इंटरनेट अब एक प्रकार से मनुष्य की जरूरत बन चुका है।
इंटरनेट ने मनुष्य
के जीवन में जितनी सुविधाएँ दी है उतना ही यह धीरे-धीरे मनुष्य के लिए खतरा
बनता जा रहा है। आज इंटरनेट घर-घर तक पहुंच चुका है और बच्चे से बूढ़े हर कोई इसका
उपयोग कर रहे हैं। भले ही लोग इंटरनेट को मनोरंजन के रूप में उपयोग कर रहे हैं या
व्यापार के लिए इंटरनेट के लाभ और हानियों के बारे में पता होना चाहिए।
30 जून 2017 के एक रिपोर्ट के अनुसार चीन, भारत, अमेरिका, ब्राजील देश में लोग सबसे
ज्यादा इंटरनेट का उपयोग करते हैं।लगभग विश्व के सभी देशों मैं इंटरनेट की सुविधा मोबाइल कंपनियां या ब्रॉडबैंड कंपनियां
प्रदान करते हैं जिसके लिए वह कंपनियां अपने उपभोक्ताओं से तय किए गए डाटा प्लान
के अनुसार पैसे लेती हैं। परंतु उन सभी कंपनियों को इंटरनेट एक विश्वस्तरीय
आर्गेनाईजेशन जिसे इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर कहा जाता है उन के माध्यम से मिलता
है।
तो चलिए जानते हैं
इंटरनेट के फायदे और नुकसान के बारे में। इन चीजों को जानना क्या आवश्यक है
क्योंकि उसे हमारे जीवन में कई प्रकार के प्रभाव पढ़ते हैं।
इंटरनेट के फायदे और नुकसान Advantages and Disadvantages of
Internet in Hindi
इंटरनेट के फायदे / लाभ Benefits
/ Advantages of Internet in Hindi
1. ऑनलाइन बिल Online Bills
इंटरनेट की मदद से आसानी से हम घर बैठे अपने सभी बिलों
का भुगतान कर सकते हैं।इंटरनेट पर हम क्रेडिट
कार्ड या नेट बैंकिंग की मदद से कुछ ही मिनटों में बिजली, टेलीफोन, डीटीएच, या ऑनलाइन शॉपिंग के सभी
बिलों का भुगतान कर सकते हैं।
2. सूचना भेज और
प्राप्त कर सकते हैं Send and receive information
भले ही आप विश्व के किसी भी कोने में बैठे हो एक जगह
से दूसरी जगह कई प्रकार की जानकारियाँ या सूचना कुछ ही सेकंड में भेज और प्राप्त
कर सकते हैं। आज इंटरनेट पर वॉइस कॉल, वॉइस मैसेज, ईमेल, वीडियो कॉल, कर सकते हैं और साथी कई प्रकार
के अन्य फाइल भी भेज सकते हैं।
3. ऑनलाइन ऑफिस Online office
कुछ ऐसी बड़ी कंपनी है जो अपने कर्मचारियों के लिए घर
बैठे इंटरनेट के माध्यम से काम करने की सुविधा देते हैं। कई ऐसी ऑनलाइन मार्केटिंग
और कम्युनिकेशन से जुड़ी कंपनियां है जिसके कर्मचारी
अपने घर पर ही लैपटॉप और मोबाइल
फोन पर इंटरनेट के माध्यम से मार्केटिंग का काम करते हैं।
4. ऑनलाइन शॉपिंग Online
Shopping
अब लोगों को बार-बार दुकान जाने की आवश्यकता भी
नहीं है क्योंकि अब आप घर बैठे इंटरनेट की मदद से ऑनलाइन शॉपिंग कर सकते हैं और
बिना कोई मोल-भाव किए सस्ते दामों मैं सामान खरीद सकते हैं। ऑनलाइन शॉपिंग
वेबसाइट की मदद से आज सिर्फ आप सामान खरीद सकते हैं बल्कि आप चाहें तो अपने परिवार
और रिश्तेदारों
को गिफ्ट भी भेज सकते हैं।
5. व्यापार को बढ़ावा Business
promotion
जैसे की हम जानते हैं अब इंटरनेट घर घर में अपनी
जगह बना चुका है। इसीलिए इंटरनेट के माध्यम से अगर आप चाहें तो अपने व्यापार को बहुत आगे ले जा सकते हैं। विश्व की सभी
बड़ी कंपनियां अपने व्यापार को और आगे ले जाने के लिए इंटरनेट की मदद
ले रहे हैं। विश्व के सभी कंपनियां ऑनलाइन एडवरटाइजिंग, एफिलिएट मार्केटिंग और वेबसाइट की मदद से अपने
व्यापार को इंटरनेट के माध्यम से पूरे विश्व भर में फ़ैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
6. ऑनलाइन नौकरी
की जानकारी व आवेदन Online job details and Application
अब नौकरियों के लिए
आवेदन और जानकारी प्राप्त करना भी बहुत आसान हो गया है।अब आप आसानी से घर बैठे जॉब
पोर्टल वेबसाइट की मदद से किसी भी नौकरी के विषय में जान सकते हैं और उनके वेबसाइट
पर जाकर नौकरी के लिए आवेदन भी कर सकते हैं।
8. फ्रीलांसिंग Freelancing
धीरे-धीरे इंटरनेट पर फ्रीलांसर बढ़ते जा रहे हैं जो फ्रीलांसिंग के माध्यम से बहुत अच्छा पैसा कमा रहे हैं। फ्रीलांसर
का अर्थ होता है इंटरनेट पर अपने कौशल का इस्तेमाल करके कुछ पैसा कमाना। आज
इंटरनेट पर लोग वेबसाइट बनाकर, ऑनलाइन सर्वे, एफिलिएट मार्केटिंग, ब्लॉगिंग, YouTube पर
वीडियो अपलोड करके और कई अन्य तरीकों से घर बैठे पैसा कमा रहे हैं।
9. मनोरंजन Entertainment
इस आधुनिक युग में
अब इंटरनेट घर घर में मनोरंजन का साधन बन चुका है। खाली समय में हम इंटरनेट की मदद
से गाना सुन सकते हैं, फिल्में
और टेलीविज़न देख सकते हैं। साथ ही हम ऑनलाइन अपने दोस्तों से सोशल मीडिया या सोशल
नेटवर्किंग वेबसाइट पर चैट भी कर सकते हैं।
इंटरनेट के नुक्सान / हानि Loss /
Disadvantages of Internet in Hindi
1. समय की
बर्बादी Waste of time
जो लोग इंटरनेट को अपने ऑफ़िस के काम के लिए और
जानकारी लेने के लिए उपयोग करते हैं उनके लिए तो इंटरनेट बहुत लाभदायक होता है
परन्तु जो लोग बिना किसी मतलब इसे अपनी आदत बना लेते हैं उनके लिए यह समय की बर्बादी के अलावा और कुछ नहीं। हमें
इंटरनेट को समय के अनुसार उपयोग करना चाहिये ।
2. इन्टरनेट फ्री नहीं होता है Internet is not free
इंटरनेट का कनेक्शन
तभी हमें लेना चाहिए जब हमें इसकी ज़रुरत हो क्योंकि लगभग सभी इंटरनेट प्रदान करने
वाली कंपनियां इंटरनेट का भारी चार्ज लेते हैं। अगर आपको इंटरनेट की आवश्यकता
ज्यादा नहीं पड़ती है तो आप कोई प्री-पेड इंटरनेट सर्विस ले सकते हैं जिसकी मदद से
आप जब चाहें तब रिचार्ज करवा कर इंटरनेट का उपयोग कर सकते हैं।
3. शोषण, अश्लीलता और हिंसक छवियां Exploitation and pornography and violent images
इंटरनेट पर संचार
की गति बहुत तेज़ है। इस लिए लोग अपने किसी दुश्मन या जिसको बदनाम करना चाहते हों
उसने विषय में ऑनलाइन गलत प्रचार करके शोषण और अनुचित लाभ उठाते हैं। साथ ही
इंटरनेट पर कई ऐसे वेबसाइट हैं जिन पर अश्लील चीजें हैं जिनके
कारण कम उम्र के
बच्चों को गलत शिक्षा मिल रही है।
4. पहचान की
चोरी, हैकिंग, वायरस और
धोखाधड़ी Identity theft, hacking, viruses, and cheating
क्या आपको पता है
आप जिन भी वेबसाइट पर अपना अकाउंट रजिस्टर करते हैं उनमें से लगभग 50-60% कंपनियां आपके निजी जानकारियों
को बेचती हैं या उनका दुरुपयोग करती है। कुछ लोग इंटरनेट की मदद से आपके जरूरी
जानकारियों को भी हैक कर सकते हैं।
अभी हाल ही में विश्व भर के कई कंप्यूटर पर Ransomware Attack हुआ था जिसमें कई लोगों का करोड़ों का नुक्सान हुआ। इंटरनेट के
माध्यम से ही हमारे कंप्यूटर और मोबाइल फ़ोन पर वायरस आने का ख़तरा रहता है इसलिए एक
अच्छा एंटीवायरस प्रोटेक्शन का होना बहुत ज़रूरी होता है।
5. स्पैम ईमेल
और विज्ञापन Spam emails and Advertisements
इंटरनेट से लोगों
की निजी जानकारियाँ और Email Id को चुरा कर कई धोखेबाज़ कंपनियां झूठे ईमेल भेजती हैं
जिनसे वो उन्हें ठकते हैं। उन ही ईमेल का रिप्लाई भेजें जिनकी आपको आवश्यकता है।
अनजाने ईमेल को तुरंत स्पैम (Spam) की लिस्ट में भेज दें या delete कर दें। कुछ भी ईमेल के लिंक से
ना खरीदे , हमेशा
किसी बड़ी शॉपिंग वेबसाइट पर सीधे जाकर समान खरीदे।
6. इंटरनेट की
लत और स्वास्थ्य प्रभाव Internet Addiction & Health Effects
दुनिया में वह शराब की लत हो या किसी और चीज की शरीर
के लिए ठीक नहीं होता है। कई इसे लोग होते हैं जो इंटरनेट के बिना न खाते हैं और
ना पीते हैं। इंटरनेट से भी कई प्रकार के बुरे स्वास्थ्य प्रभाव पड़ते हैं जैसे वज़न बढना, पैरों और हाथों में दर्द, आँखों में दर्द और सूखापन, कार्पल टनल सिंड्रोम, मानसिक
तनाव, कमर
में दर्द आदि।
Great Information.
ReplyDeleteMysmartodisha
Mysmartodisha hindi
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ReplyDeleteSBI Se Car Loan Kaise Le?
HDFC Bank Personal Loan Ke Liye Kaise Apply Kare?